इस ख़ास वर्कआउट से केवल चार घंटे में मैरी कॉम ने घटाया दो किलो वज़न, जानें
भारतीय मुक्केबाज़ एमसी मैरी कॉम के बारे में किसी को कुछ बताने की ज़रूरत नहीं है। भारत के साथ-साथ उन्होंने पूरी दुनिया में अपना और देश का नाम रोशन किया है। 35 साल की उम्र में भी उनका जज़्बा कम नहीं हुआ है। मैरी कॉम ख़ुद को स्वस्थ्य रखने में यक़ीन रखती हैं। भारत के लिए कई पदक जीत चुकी विश्व विजेता मैरी कॉम ने एक टूर्नामेंट के लिए केवल चार घंटे में दो किलो वज़न घटाया था।
वज़न कम करने के साथ जीता स्वर्ण पदक
मैरी कॉम ने इतने कम समय में वज़न घटाकर यह साबित कर दिया कि वज़न घटाना कोई मुश्किल काम नहीं है। मैरी कॉम ने बताया कि पोलैंड के एक टूर्नामेंट में उन्हें 48 किलोग्राम भार वर्ग में भाग लेना था। उनका वज़न दो किलो ज़्यादा था और उनके पास केवल चार घंटे का समय था। फिर क्या, मैरी कॉम ने अपनी मज़बूत इच्छाशक्ति के दम पर न केवल वज़न कम किया बल्कि उस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक भी जीता।
मैरी कॉम ने किया ये जिससे हो गया दो किलो वज़न कम
अब आप सोच रहे होंगे कि मैरी कॉम ने ऐसा कौन का सा काम या वर्कआउट किया कि केवल चार घंटे में ही दो किलो वज़न कम कर लिया। जानकारी के अनुसार मैरी कॉम ने लगातार एक घंटे तक रस्सी कूदी, जिससे उनका वज़न दो किलो कम हो गया। मैरी कॉम की दिनचर्या में रस्सी कूदना, जॉगिंग और हर रोज़ आधे घंटे बैग किक करना शामिल है। आज हम आपको रस्सी कूदने से होने वाले फ़ायदे के बारे में बताएंगे।
बनीं विश्व की पहली महिला मुक्केबाज़
हाल ही में 35 वर्षीया मैरी ने विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में लाइट फ्लाइ वेट (45-48 किग्रा) वर्ग के फाइनल में यूक्रेन की हाना ओखोता को मात देकर छठी बार गोल्ड मेडल जीता। वह ऐसा कमाल करने वाली विश्व की पहली महिला मुक्केबाज बनीं।
15 मिनट रस्सी कूदकर बर्न कर सकते हैं 200 कैलोरी
रस्सी कूदना एक सम्पूर्ण व्यायाम है। इससे शरीर के सभी अंग कार्य करते हैं। शरीर के सभी अंगों को कार्य करने के लिए ऊर्जा की ज़रूरत होती है। ऊर्जा के लिए शरीर कैलोरी का इस्तेमाल करता है, जिससे शरीर का वज़न कम होने लगता है। वज़न कम करने के लिए रस्सी कूदने से बेहतर कोई व्यायाम नहीं है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि केवल 15 मिनट रस्सी कूदकर आप 200 कैलोरी बर्न कर सकते हैं।
रस्सी कूदने से बढ़ती है सांस लेने की क्षमता
रस्सी कूदने से पूरे शरीर की कसरत हो जाती है। इससे शरीर चुस्त रहता है, ताक़त मिलती है और काम करने की क्षमता में वृद्धि होती है। रस्सी कूदने से बाहर निकला पेट भी अंदर हो जाता है। हर रोज़ रस्सी कूदने से दिमाग़ ताज़ा रहता है और आप तनाव से बचे रहते हैं। इससे दिमाग़ एवं नर्वस सिस्टम ज़्यादा सक्रिय रहता है और याददाश्त तेज़ होती है। इससे सांस लेने की क्षमता भी बढ़ती है।
बढ़ता है हड्डियों का घनत्व
हड्डियों के लिए रस्सी कूदना बहुत फ़ायदेमंद होता है। हालाँकि हड्डियों की समस्या में रस्सी कूदने से पहले डॉक्टर से एक बार सलाह ज़रूर ले लें। रस्सी कूदना दिल के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद होता है। यह दिल, फेफड़े और माँसपेशियों को सीधे तौर पर फ़ायदा पहुँचाता है। वज़न कम करने के साथ ही रोज़ाना रस्सी कूदने से मसल्स भी टोंड होती है और इससे बोन्स का घनत्व भी बढ़ता है।
रस्सी कूदने से तेज़ होता है दिमाग़
जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो रस्सी कूदना आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है। हालाँकि इसके लिए धीरे-धीरे रस्सी कूदें। इससे एड़ियों को ताक़त मिलती है। रस्सी कूदने से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा भी बढ़ती है। इससे दिमाग़ सही तरह से काम करता है और आप कई परेशानियों से बचे रहते हैं। रस्सी कूदने से होने वाले इतने फ़ायदों के बारे में जानकर हर रोज़ कम से कम 20 मिनट रस्सी ज़रूर कूदें।