बैलन डे ऑर: जानें कैसे दिया जाता है अवार्ड व इसका पूरा इतिहास
क्या है खबर?
क्रोएशिया तथा रियल मैड्रिड मिडफील्डर लूका मॉड्रिच ने बीती रात बैलन डे ऑर अवार्ड जीत लिया। यह अवार्ड जीतने वाले वे पहले क्रोएशियन खिलाड़ी हैं।
मॉड्रिच ने लगातार 10 सालों से चले आ रहे क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनल मेसी के राज को खत्म करते हुए यह अवार्ड जीता।
मेसी और रोनाल्डो ने सबसे ज्यादा 5-5 बार यह अवार्ड जीता है।
इस अवार्ड के हालिया विजेताओं के बारे में तो लगभग सबको ही पता होगा। जानिए अवार्ड का पूरा इतिहास।
बैलन डे ऑर
बैलन डे ऑर क्या है और कब शुरू हुआ?
बैलन डे ऑर फ्रेंच फुटबॉल द्वारा दिया जाने वाला सालाना फुटबॉल अवार्ड है। इसकी शुरूआत 1956 में की गई थी।
2010 से 2015 तक इस अवार्ड को फीफा के साथ मिला दिया गया था और तब इसे फीफा बैलन डे ऑर के नाम से जाना जाता था।
अवार्ड देने के लिए उन खिलाड़ियों को चुना जाता है, जिन्होंने पिछले साल उस बढ़िया प्रदर्शन किया हो। हालांकि, विजेता की घोषणा वोटिंग के आधार पर होती है।
विजेता
कुछ खास बैलन डे ऑर विजेता
सबसे पहले बैलन डे ऑर अवार्ड विजेता ब्लैकपूल के लिए खेलने वाले स्टैनली मैथ्यूज थे।
एसी मिलान के लिए खेलने वाले जॉर्ज विया यह अवार्ड जीतने वाले इकलौते अफ्रीकी और पहले नॉन-यूरोपियन खिलाड़ी थे।
यह अवार्ड जीतने वाले ब्राज़ील के स्टार फारवर्ड रोनाल्डो नज़ारियो पहले दक्षिण अमेरिकन खिलाड़ी थे।
लियोनल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने सबसे ज्यादा 5-5 बार यह अवार्ड जीता है।
डच, जर्मन और पुर्तगाली खिलाड़ियों ने सबसे ज्यादा 7-7 बार यह अवार्ड जीता है।
वोटिंग
कैसे काम करती है वोटिंग प्रक्रिया?
फीफा के 209 नेशनल एसोसिएशन के कप्तान और कोच के अलावा प्रत्येक देश का एक पत्रकार बैलन डे ऑर के लिए वोट करता है।
नेशनल टीम का कप्तान खुद को वोट नहीं कर सकता है।
प्रत्येक वोटर अपने टॉप-3 चुनता है, जिसमें पहले नंबर वाले खिलाड़ी को पांच अंक, दूसरे नंबर वाले को तीन तथा तीसरे नंबर वाले एक अंक मिलते हैं।
कुल वोट पड़ने के बाद गिनती होती है, जिसके आधार पर ही विजेता घोषित किया जाता है।