पेरिस सेंट जर्मन के खिलाफ जांच करेगा UEFA, चैंपियन्स लीग से हो सकते हैं बाहर
फ्रांस में खेली जाने वाली लिगे-1 की दिग्गज टीम पेरिस सेंट जर्मन पर चैंपियन्स लीग में खेलने से रोक लग सकती है। यूरोपियन फुटबॉल संघ (UEFA) ने पेरिस के खिलाफ फाइनेंशियल फेयर प्ले नियम को तोड़ने के लिए जांच शुरू की है। संघ ने बयान जारी करते हुए क्लब को चेतावनी भी दे दी है कि वो बंद पड़े खातों को दोबारा खोल सकता है। संघ ने यह बयान फुटबॉल लीक्स द्वारा खुलासा किए जाने के बाद दिया है।
क्या है फाइनेंशियल फेयर प्ले रूल?
इस नियम के मुताबिक यूरोपियन क्लब्स केवल उतना ही खर्च कर सकती हैं जितना वे कमाती हैं। UEFA ने इस नियम को इसलिए बनाया था, क्योंकि ज्यादातर टीमें अपनी कमाई से ज्यादा खर्च करके कर्ज में डूबी रहती थी। इस नियम को 2010 में मंजूरी मिली थी और इसे 2011 से शुरू किया गया था। नियम लागू होने के बाद से यूरोपियन मुकाबले खेलने वाली सारी टीमों को साबित करना होता है, कि उन्होंने अपने बिल चुका दिए हैं।
नियम तोड़ने पर क्या सजा हो सकती है?
पहले तो चेतावनी दी जाती है लेकिन यदि मामला सही साबित हो जाता है, तो टीम को यूरोपियन मुकाबलों से बाहर कर दिया जा सकता है। टीम को नए खिलाड़ियों को साइन करने से रोका जा सकता है। टीम के अंक काटे जा सकते हैं। टीम द्वारा जीता गया खिताब वापस लिया जा सकता है। टीम पर आर्थिक दंड लगाया जा सकता है। यूरोपियन मुकाबलों के लिए टीम में खिलाड़ी चुनने की संख्या घटाई जा सकती है।
पहले भी सजा झेल चुका है पेरिस
UEFA ने 2014 में 237 क्लबों के खातों की जांच शुरू की, और उसमें कमियां मिलने पर 9 क्लबों पर जुर्माने लगाए। पेरिस पर 60 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया गया था। टीम में खिलाड़ियों की संख्या को 21 तक सीमित कर दिया गया था। ट्रांसफर मार्केट में किसी भी प्रकार का खर्च करने पर पाबंदी लगा दी गई थी। सैलरी देने में भी रुकावटें लगा दी गई थी। इस बार यदि ऐसा हुआ तो पेरिस संकट में पड़ जाएगा।
नेमार और म्बाप्पे को खरीदना पड़ सकता है महंगा
पेरिस सेंट जर्मन ने जब नेमार को €222 मिलियन की रिकॉर्ड कीमत देकर खरीदा था तब ही उन पर बहुत आरोप लगे थे। इस सीजन पेरिस ने फ्रेंच स्टार और वर्ल्डकप विजेता किलियन एम्बाप्पे को €180 मिलियन में खरीद लिया। इन दोनों खिलाड़ियों पर खर्च किए गए €400 मिलियन पेरिस के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकते हैं। पेरिस को कतर से प्रायोजक मिलते हैं और उसको लेकर भी काफी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।