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बांग्लादेश बनाम पाकिस्तान: हसन अली और बांग्लादेशी टीम पर ICC ने की कार्यवाई, जानें कारण
हसन अली

बांग्लादेश बनाम पाकिस्तान: हसन अली और बांग्लादेशी टीम पर ICC ने की कार्यवाई, जानें कारण

लेखन Neeraj Pandey
Nov 20, 2021
02:36 pm

क्या है खबर?

बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच खेले गए पहले टी-20 मैच के बाद पाकिस्तानी गेंदबाज हसन अली और बांग्लादेशी टीम पर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने कार्यवाई की है। हसन अली को एक डिमेरिट प्वाइंट दिया गया है। दूसरी ओर बांग्लादेशी टीम पर धीमी ओवर गति के कारण 20 प्रतिशत मैचफीस का जुर्माना भी लगाया गया है। ये मुकाबला बीते शुक्रवार को मीरपुर में खेला गया था। आइए जानते हैं पूरी खबर।

हसन अली

हसन के रिकॉर्ड में जोड़ा गया एक डिमेरिट प्वाइंट

हसन को ICC द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। उन्होंने आर्टिकल 2.5 का उल्लंघन किया है। इस आर्टिकल के तहत अंतरराष्ट्रीय मैच में आउट होने वाले बल्लेबाज को उकसाने वाली भाषा से संबंधित चीजों का प्रयोग करना अनुचित है। इस घटना के कारण हसन के रिकॉर्ड में एक डिमेरिट प्वाइंट जोड़ा गया है। 24 महीने के अंतराल में यह उनके द्वारा किया गया पहला अपराध था।

बांग्लादेश

धीमी ओवर गति के कारण बांग्लादेश पर लगा 20 प्रतिशत मैचफीस का जुर्माना

बांग्लादेश की टीम तय समय में ओवर्स पूरे नहीं कर सकी थी और एक ओवर पीछे रहने के कारण टीम के सभी खिलाड़ियों पर मैचफीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। बांग्लादेशी कप्तान महमुदुल्लाह ने आरोपों को स्वीकार कर लिया और इसी कारण सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ी। मैदानी अंपायर्स शर्फुदुल्ला इब्ने शाहिद और मसुदुर रहमान के साथ तीसरे अंपायर गाजी सोहेल और फोर्थ ऑफिशियल तनवीर अहमद ने ये आरोप लगाए थे।

नियम

धीमी ओवर गति के लिए ICC द्वारा बनाया गया नियम

ICC द्वारा बनाए गए कोड ऑफ कंडक्ट में खिलाड़ी और खिलाड़ियों का सपोर्ट स्टॉफ भी आते हैं। इसके आर्टिकल 2.22 के अंतर्गत धीमी ओवर गति के अपराध आते हैं। इस नियम के तहत किसी टीम ने तय समय के अंदर के जितने ओवर कम फेंके होते हैं उसके टीम के सदस्यों को प्रति ओवर के हिसाब से मैचफीस का 20 प्रतिशत जुर्माने के रूप में देना पड़ता है। कप्तान को बैन भी किया जा सकता है।

डिमेरिट अंक

क्या है डिमेरिट अंक का गणित?

जब किसी खिलाड़ी को एक बार डिमेरिट अंक दे दिया जाता है तो वह दो साल तक उसके नाम रहता है। यदि कोई खिलाड़ी या उसकी टीम इस फैसले के खिलाफ अपील करती है तो फिर मामले के लिए सुनवाई की जाती है। दो साल में यदि किसी खिलाड़ी को चार डिमेरिट अंक दे दिए जाते हैं तो उसे एक टेस्ट या फिर दो वनडे/टी-20 के लिए सस्पेंड कर दिया जाता है।