केवल एक-दो टेस्ट खेले, लेकिन अच्छे पदों पर काम कर रहे हैं ये पूर्व भारतीय खिलाड़ी
भारत में क्रिकेट काफी ज़्यादा मशहूर खेल है और साथ ही इस खेल में ढेर सारा पैसा और शोहरत भी जुड़ा है। अक्सर देखा जाता है कि इंटरनेशनल स्टेज पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी कमाई के मामले में भी काफी आगे रहते हैं। हालांकि, कुछ लोग इंटरनेशनल स्टेज पर ज़्यादा कुछ नहीं करने के बावजूद काफी सफल हुए हैं। एक नजर ऐसे ही पांच भारतीय क्रिकेटर्स पर।
वर्तमान भारतीय गेंदबाजी कोच
मध्यम गति के तेज गेंदबाज और निचले क्रम के आक्रामक बल्लेबाज रहने वाले अरुण ने 17 दिसंबर, 1986 को श्रीलंका के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया। उसी सीरीज़ में अरुण ने एक और मैच खेला और वही उनका आखिरी टेस्ट साबित हुआ। भारत के लिए दो टेस्ट मैचों में चार विकेट लेने वाले भरत अरुण जुलाई 2017 से ही भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाजी कोच बने हुए हैं।
केवल एक टेस्ट खेला, लेकिन तमाम टीमों को दे रहे कोचिंग
भारतीय क्रिकेट में फील्डिंग को नए स्तर पर ले जाने वाले रॉबिन सिंह का वनडे करियर तो शानदार रहा, लेकिन वह केवल एक ही टेस्ट मैच खेल सके। रॉबिन ने अपना इकलौता टेस्ट 1998 में जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में खेला था। हालांकि, क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद रॉबिन ने 2008 में IPL फ्रेंचाइजी डेक्कन चॉर्जस को कोचिंग दी थी। 2010 से वह चार बार की IPL चैंपियन मुंबई इंडियन्स के साथ जुड़े हुए हैं।
वर्तमान समय में जिम्बाब्वे के हेड कोच
मुंबई के लिए 110 फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में 7,988 रन बनाने वाले ओपनर बल्लेबाज लालचंद राजपूत का इंटरनेशनल करियर काफी छोटा रहा। राजपूत ने भारत के लिए केवल दो टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने एक अर्धशतक सहित 105 रन बनाए। क्रिकेटिंग करियर खत्म होने के बाद राजपूत कुछ समय के लिए भारतीय टीम के मैनेजर रहे और फिर 2016 से 2017 तक अफगानिस्तान के कोच भी रहे। वर्तमान समय में वह जिम्बाब्वे के कोच हैं।
वर्तमान समय में BCCI के क्रिकेट ऑपरेशन के जनरल मैनेजर
विकेटकीपर बल्लेबाज सबा करीम ने ज़्यादातर समय बिहार के लिए फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेला। उन्होंने 120 फर्स्ट-क्लास मैचों में 7,000 से ज़्यादा रन बनाए जिसमें 22 शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं। हालांकि, वह केवल एक ही टेस्ट मैच खेल पाए और आंख में चोट के कारण उनका करियर जल्दी समाप्त हो गया। करीब 2012 में ईस्ट जोन के नेशनल सिलेक्टर बने थे और वर्तमान समय में BCCI के क्रिकेट ऑपरेशन के जनरल मैनेजर पद पर हैं।
दिल्ली क्रिकेट टीम के वर्तमान कोच
2000-01 सीजन में चयनकर्ताओं ने कई विकेटकीपर्स को मौका दिया और विजय दहिया भी उनमें से एक रहे। दहिया ने नवंबर 2000 में जिम्बाब्वे के खिलाफ दिल्ली में अपना टेस्ट डेब्यू किया और फिर उसी सीरीज़ में अपना दूसरा और आखिरी टेस्ट मैच खेला। दिल्ली के लिए फर्स्ट-क्लास क्रिकेट खेलने वाले दहिया फिलहाल दिल्ली क्रिकेट टीम के कोच हैं और टीवी पर कई दफा कमेंट्री करते हुए देखे जा चुके हैं।