फीफा ने हटाया AIFF पर लगा बैन, भारत में होगा अंडर-17 महिला विश्व कप का आयोजन
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) पर फीफा द्वारा लगाया गया बैन हट गया है। बैन हटने के बाद भारतीय फुटबॉल टीम की अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में वापसी हुई है और साथ ही अंडर-17 महिला विश्व कप आयोजन को लेकर भी रास्ते साफ हो गए हैं। पिछले हफ्ते ही AIFF पर बैन लगाया गया था और इसके बाद भारतीय फुटबॉल का भविष्य अधर में नजर आ रहा था। आइए जानते हैं पूरी खबर।
CoA भंग होते ही हटा AIFF पर लगा बैन
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (CoA) के दखल के कारण AIFF पर बैन लगाया गया था, लेकिन इस कमेटी के भंग होते ही बैन हटा लिया गया है। फीफा की जनरल सेक्रेटरी फातमा समोरा ने AIFF के कार्यवाहक सेक्रेटरी सुनंदो धर को भेजे संदेश में बताया है कि AIFF पर लगाए गए बैन को हटाया जा रहा है, लेकिन उन्हें कई शर्तों पर काम करना होगा।
AIFF को जल्द से जल्द कराने होंगे चुनाव
फीफा द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक अब AIFF को चुनाव कराने होंगे और इसके लिए उन्हें फीफा की तरफ से निर्देश दिए जाएंगे। फीफा और AFC लगातार परिस्थितियों पर अपनी निगाह रखेगी और AIFF को जरूरी सहयोग देती रहेगी। सात लोगों के पैनल ने मिलकर बैन हटाने का निर्णय लिया है। बैन हटने के बाद यदि AIFF ने फीफा के निर्देशों का पालन नहीं किया तो उन पर दोबारा बैन लग सकता है।
गोकुलम को हुआ बैन का सबसे बड़ा नुकसान
बैन हटना एटीके मोहन बागान के लिए सबसे सुखद खबर है। उन्हें 07 सितंबर को कुआलालंपुर सिटी FC के खिलाफ AFC कप इंटर-जोन सेमीफाइनल मुकाबला होस्ट करना है और यदि बैन नहीं हटता तो वे इस मैच में हिस्सा नहीं ले पाते। हालांकि, बैन लगने का सबसे बड़ा नुकसान गोकुलम केरला FC को हुआ है। AFC विमेंस क्लब चैंपियनशिप में जगह बनाने के बावजूद ने टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सके।
फिलहाल बिना प्रेसीडेंट के है AIFF
प्रफुल्ल पटेल लंबे समय से AIFF के प्रेसीडेंट बने हुए थे और लंबे समय से फेडरेशन का चुनाव नहीं हुआ है। पटेल का प्रेसीडेंट के रूप में तीसरा कार्यकाल दिसंबर 2020 में ही खत्म होना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में एक मामला पड़े होने के कारण उन्होंने अपना पद नहीं छोड़ा था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रफुल्ल को 2022 में हटाए जाने के बाद 85 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि AIFF प्रेसीडेंट के बिना है।