क्या भारतीय फुटबॉल पर बैन लगाने वाली है फीफा? जानिए पूरा मामला
क्या है खबर?
भारतीय फुटबॉल टीम पर गहरा संकट मंडरा रहा है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के प्रेसीडेंट प्रफुल्ल पटेल को उनके पद से हटा दिया था। इसके बाद कोर्ट में CoA का गठन किया है।
विश्व फुटबॉल को मैनेज करने वाली संस्था फीफा किसी भी फेडरेशन में थर्ड पार्टी का दखल नहीं देखना चाहती है।
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला और क्यों भारतीय फुटबॉल पर लग सकता है बैन।
प्रफुल्ल पटेल
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हटाए गए हैं प्रफुल्ल पटेल
प्रफुल्ल पटेल लंबे समय से AIFF के प्रेसीडेंट बने हुए थे और लंबे समय से फेडरेशन का चुनाव नहीं हुआ है। पटेल का प्रेसीडेंट के रूप में तीसरा कार्यकाल दिसंबर में ही खत्म होना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में एक मामला पड़े होने के कारण उन्होंने अपना पद नहीं छोड़ा था।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रफुल्ल को हटाए जाने के बाद 85 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि AIFF प्रेसीडेंट के बिना है।
असर
यदि भारत पर लगा बैन तो क्या होगा इसका असर?
यदि फीफा ने थर्ड पार्टी का दखल के मामले में AIFF पर बैन लगा दिया तो भारतीय फुटबॉल पर बड़ा संकट आ जाएगा। इस साल अक्टूबर में भारत को अंडर-17 विमेंस विश्व कप होस्ट करना है, लेकिन बैन लगने पर उनसे इसका अधिकार छिन जाएगा।
इसके अलावा भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के एशियन कप क्वालीफायर्स मैच भी रद्द हो जाएंगे। सीनियर टीम के साथ ही महिला और जूनियर टीमों पर भी प्रभाव पड़ेगा।
घरेलू लीग्स
आई-लीग और ISL पर नहीं पड़ेगा प्रभाव
बैन लगने के बावजूद इंडियन सुपर लीग और आई-लीग जैसे घरेलू टूर्नामेंट्स पर असर नहीं पड़ेगा क्योंकि ये फीफा के अंडर नहीं आते हैं। इन लीग्स का आयोजन लगातार जारी रखा जा सकेगा।
हालांकि, इन लीग्स में विदेशी खिलाड़ी हिस्सा नहीं ले सकेंगे। फेडरेशन के बैन होने की दशा में फीफा विदेशी खिलाड़ियों के ट्रांसफर की अनुमति प्रदान नहीं करेगी। विदेशी खिलाड़ियों के बिना लीग्स का आयोजन संभव नहीं होगा।
बैन
इन टीमों पर बैन लगा चुकी है फीफा
2014 में इंडोनेशिया पर एक साल का बैन लगाया गया था क्योंकि उनके खेल मंत्रालय और फुटबॉल फेडरेशन के बीच तालमेल नहीं था और लगातार दोनों एक-दूसरे के मामले में दखल दे रहे थे। 2015 में कुवैत को भी बैन किया गया था।
हाल ही में जिम्बाब्वे और केन्या पर भी बैन लगाए गए हैं। इन दोनों देशों के फेडरेशन में थर्ड पार्टी का दखल काफी अधिक था।
प्रतिक्रिया
संभावित बैन को लेकर चिंतित हैं छेत्री
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान और दिग्गज फुटबॉलर सुनील छेत्री भी इस संभावित बैन को लेकर चिंतित हैं।
छेत्री ने इस पर कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि चीजें कंट्रोल में रहें और देश बैन से बच सके। पूरे देश के साथ ही यह मेरे लिए भी काफी मुश्किल होगा। मैं अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर हूं और मुझे भी नहीं पता कि मेरा आखिरी गेम कब आ सकता है।"