भारतीय फुटबॉल: नए कोच इगोर स्टिमाक को नहीं दोहरानी चाहिए पुराने कोच की ये गलतियां
भारतीय फुटबॉल टीम ने पिछले 2-3 सालों में गजब का खेल दिखाया है और अब इस प्रदर्शन को लगातार जारी रखने की जरूरत है। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) ने क्रोएशियन लेजेंड इगोर स्टिमाक को भारतीय फुटबॉल टीम का कोच बनाकर अपने मंसूबे जाहिर कर दिए हैं। पूर्व कोच स्टीफन कोन्सटेन्टाइन ने बढ़िया काम किया था, लेकिन उनके साथ कुछ खामियां भी थीं। जानें, स्टिमाक को कोन्सटेन्टाइन की किन चीजों को दोहराने से बचना चाहिए।
टीम चयन में बरतनी होगी होशियारी
पूर्व कोच स्टीफन कोन्सटेन्टाइन की टीम चयन के लिए काफी आलोचना होती थी, क्योंकि वह लगभग एक जैसी टीम ही हर बार चुनते थे। नए कोच इगोर स्टिमाक को टीम चुनने में होशियारी बरतनी होगी और नाम की बजाय फॉर्म और टेक्निक पर ध्यान देना होगा। कोच को एक ऐसी टीम खड़ी करनी होगी जिसमें स्टार्टिंग इलेवन के अलावा भरपूर बेंच स्ट्रेंथ भी हो।
लॉन्ग बॉल खेलने की गलती नहीं करनी चाहिए
कोन्सटेन्टाइन के अंडर टीम लॉन्ग बॉल खेलती थी और ज़्यादातर मौकों पर पजेशन गंवा देती थी। भारतीय टीम की फारवर्ड लाइन में सुनील छेत्री और जेजे लल्पेख्लुआ जैसे खिलाड़ी हैं। छेत्री की उम्र काफी हो गई है और भले ही वह फिट हैं, लेकिन उनकी गति पर उम्र का असर साफ दिखाई देता है। नए कोच को लॉन्ग बॉल की जगह पजेशन गेम पर ध्यान देना चाहिए और छोटे पासों के साथ गेम बनाने पर फोकस देना चाहिए।
इन खिलाड़ियों पर भरोसा करके उन्हें देना चाहिए मौका
AFC एशियन कप के लिए कोन्सटेन्टाइन ने जो टीम चुनी थी उसमें शानदार फॉर्म में चल रहे लालिन्जुआला छांग्टे और राहुल भेके जैसे खिलाड़ी शामिल नहीं थे। छांग्टे और राहुल ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन उन्हें नेशनल टीम में जगह नहीं मिली है। जॉबी जस्टिन, मंदार राव देसाई और ब्रैंडन फर्नांडेस जैसे शानदार खिलाड़ियों को भी कोन्सटेन्टाइन ने लगातार नजरअंदाज किया था और नए कोच को ऐसा करने से बचना होगा।
फीफा फ्रेंडली मैचों पर देना होगा ध्यान
सुनील छेत्री से लेकर तमाम इंडियन फुटबॉल दिग्गजों का कहना है कि भारत को अच्छे विपक्षियों के खिलाफ ज़्यादा से ज़्यादा फ्रेंडली मुकाबले खेलने चाहिए। हालांकि, पूर्व कोच कोन्सटेन्टाइन ने लगातार इस फैक्ट को इग्नोर किया था और जहां अन्य टीमों ने एशियन कप से पहले कम से कम छह फ्रेंडली खेले थे तो वहीं भारतीय टीम ने केवल तीन फ्रेंडली मुकाबले ही खेले थे। नए कोच को ज़्यादा से ज़्यादा फ्रेंडली मुकाबले खेलने पर फोकस करना चाहिए।