
सुप्रीम कोर्ट ने भंग की COA, हट सकता है भारतीय फुटबॉल पर लगा प्रतिबंध
क्या है खबर?
फुटबॉल की सबसे बड़ी संस्था 'फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल फुटबॉल असोसिएशन' (FIFA) के द्वारा 'ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन' (AIFF) पर लगाया गया निलंबन जल्द ही हट सकता है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने FIFA की शर्तों के मुताबिक सोमवार (22 अगस्त) को तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (COA) को निरस्त कर दिया है, जिसके बाद भारतीय फुटबॉल पर लगे प्रतिबंध का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है।
आइए इस खबर पर एक नजर डालते हैं।
शर्त
FIFA ने COA को हटाने की रखी थी शर्त
हाल ही में FIFA ने तीसरे पक्ष के दखल के कारण AIFF पर प्रतिबंध लगा दिया था।
FIFA ने भारतीय फुटबॉल में प्रतिबंध लगाते समय COA को हटाने के साथ-साथ निष्पक्ष चुनाव की भी मांग की थी।
इस सब के बीच सुप्रीम कोर्ट ने अब 28 अगस्त को होने वाले AIFF के चुनाव को एक हफ्ते के लिए टाल दिया है। यह फैसला चुनाव में निष्पक्षता को लेकर किया गया है।
फैसले
सुप्रीम कोर्ट ने लिए यह अहम फैसले
सुप्रीम कोर्ट ने COA को भंग किया।
एक हफ्ते देरी से होने वाले चुनाव के लिए अब मतदाता सूची में 36 राज्य और संघ के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
कार्यकारी समिति में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष समेत 23 सदस्य होंगे। मतदाता सूची में AIFF के राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सदस्य संघों के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि AIFF के जनरल सेक्रेटरी रोजाना का कामकाज देखेंगे।
बहाली
भारत में फुटबॉल की बहाली के लिए कोर्ट ने लिए फैसले
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि भारतीय संघ पर लगा निलंबन रद्द हो और भारत में अंडर-17 महिला विश्व कप आयोजित हो सके।
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में भारत की टीमों को खेलने की फिर से अनुमित मिल सके।
बता दें पूर्व कार्यक्रम के तहत इस साल अक्टूबर में महिलाओं के अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी भारत में होनी है। हालांकि, अगर प्रतिबंध बरकरार रहा तो मेजबानी छिन सकती है।
जानकारी
फिलहाल बिना प्रेसीडेंट के है AIFF
प्रफुल्ल पटेल लंबे समय से AIFF के प्रेसीडेंट बने हुए थे और लंबे समय से फेडरेशन का चुनाव नहीं हुआ है।
पटेल का प्रेसीडेंट के रूप में तीसरा कार्यकाल दिसंबर 2020 में ही खत्म होना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में एक मामला पड़े होने के कारण उन्होंने अपना पद नहीं छोड़ा था।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रफुल्ल को 2022 में हटाए जाने के बाद 85 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि AIFF प्रेसीडेंट के बिना है।