
ईरानी कप: जानिए इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट से जुड़ी दिलचस्प जानकारी
क्या है खबर?
प्रतिष्ठित ईरानी कप 2022 के मुकाबले में मंगलवार को शेष भारत ने सौराष्ट्र को आठ विकेट से हराकर ट्रॉफी कर कब्जा जमा लिया।
राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में शेष भारत ने 29वीं बार इस ट्रॉफी को जीतकर अपनी बादशाहत कायम की।
आइये जानते हैं ईरानी कप टूर्नामेंट के इतिहास और इससे जुड़े रोचक आंकड़ों के बारे में।
ट्विटर पोस्ट
ईरानी कप जीत का जश्न मनाती शेष भारत की टीम
Winners Are Grinners! ☺️ 🙌
— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) October 4, 2022
Rest of India beat the spirited Saurashtra side to win the #IraniCup. 👏 👏 #SAUvROI | @mastercardindia
Scorecard ▶️ https://t.co/u3koKzUU9B pic.twitter.com/WD2ELx8wrP
शुरुआत
ईरानी कप की शुरुआत
'ईरानी कप' की शुरुआत वर्ष 1959-60 में हुई थी। रणजी ट्रॉफी चैंपियनशिप के 25 वर्ष पूरे होने पर इस टूर्नामेंट की नींव रखी गई थी। इसका उद्देश्य घरेलू क्रिकेट को और अधिक रोचक बनाना था।
इस टूर्नामेंट का नाम भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के पूर्व प्रशासक ZR ईरानी के नाम पर रखा गया था, जो BCCI में लंबे समय तक अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष समेत कई अहम पदों पर रहे।
जानकारी
ईरानी कप से जुड़ी अहम जानकारी
ईरानी कप भारत का एक घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट है, जो फर्स्ट क्लास (FC) फॉर्मेट के तहत खेला जाता है।
शुरुआती वर्षों में इसे 'ईरानी ट्रॉफी' के नाम से जाना जाता था, बाद में BCCI की ओर से इसका नाम बदलकर 'ईरानी कप' रख दिया गया।
यह क्रिकेट टूर्नामेंट हर साल वर्तमान रणजी ट्रॉफी विजेता टीम और शेष भारत टीम के बीच खेला जाता है।
आंकड़े
ईरानी कप से जुड़े आंकड़े
ईरानी कप के अब तक 57 संस्करण खेले जा चुके है।
शेष भारत की टीम 29 बार खिताब जीतकर इसकी सबसे सफल टीम है।
टूर्नामेंट की दूसरी सबसे सफल टीम मुंबई (पूर्व नाम बॉम्बे) है, जिसने 15 बार खिताब जीता है।
शेष भारत ने 2006-07 से 2012-13 के बीच लगातार सात बार इस टूर्नामेंट को जीता था।
1994-95 से लेकर 1998-99 तक शेष भारत को लगातार पांच बार हार का सामना करना पड़ा था।
रिकॉर्ड्स
अब तक केवल दो बल्लेबाज बना पाए 1,000 से अधिक रन
ईरानी कप इतिहास में उच्चतम स्कोर (800/7) का रिकॉर्ड विदर्भ (2018) के नाम दर्ज है।
इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड वसीम जाफर (1,294) के नाम दर्ज है। उनके बाद गुंडप्पा विश्वनाथ (1,001) हैं। अब तक ये दो ही बल्लेबाज 1,000 से अधिक रन बना सके हैं।
सर्वाधिक विकेट लेने का रिकार्ड पद्माकर शिवालकर (51) के नाम दर्ज है, 50 से अधिक विकेट लेने वाले वे इकलौते गेंदबाज हैं। उनके बाद भगवत चंद्रशेखर (40) का नाम है।