क्या आप जानते हैं? हेडकोच पद के लिए आरपी सिंह ने लिया था द्रविड़ का इंटरव्यू
राहुल द्रविड़ भारतीय क्रिकेट टीम के नए हेडकोच बन चुके हैं और जल्द ही वह अपना कार्यकाल शुरू करने वाले हैं। द्रविड़ जैसे दिग्गज को भारतीय टीम की कमान सौंपने में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को ज्यादा कुछ सोचने की जरूरत नहीं पड़ी थी। हालांकि, द्रविड़ जैसे बड़े खिलाड़ी को भारत का हेडकोच बनाने के लिए उन्हीं की कप्तानी में खेले हुए रुद्र प्रताप सिंह को अपना इंटरव्यू देना पड़ा।
द्रविड़ की कप्तानी में ही हुआ था आरपी का टेस्ट डेब्यू
यदि टेस्ट करियर की बात करें तो आरपी और द्रविड़ में काफी ज्यादा अंतर है। पांच साल के टेस्ट करियर में आरपी ने भारत के लिए 14 मैच खेले तो वहीं द्रविड़ ने 16 साल के अपने करियर में 164 टेस्ट मुकाबले खेले हैं। 2006 में द्रविड़ की कप्तानी में ही आरपी ने अपना टेस्ट डेब्यू किया था। 2011 में जब आरपी ने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला तब भी द्रविड़ भारतीय टीम में मौजूद थे।
लंबे समय से द्रविड़ को मनाने में लगी थी BCCI
BCCI लंबे समय से द्रविड़ को भारत का हेडकोच बनने का ऑफर दे रही थी। द्रविड़ ने जब इस पद को स्वीकार करने के लिए अपनी स्वीकृति दे दी थी तो फिर उनकी नियुक्ति केवल एक कागजी कार्यवाही बची थी। BCCI द्वारा आवेदन मांगे जाने पर हेडकोच पद के लिए द्रविड़ के अलावा किसी अन्य ने आवेदन ही नहीं किया था। आरपी और सुलक्षणा नाइक की क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी ने द्रविड़ का इंटरव्यू लिया।
पिछले साल CAC सदस्य बने थे आरपी
पिछले साल दिसंबर में आरपी को CAC का सदस्य बनाया गया था। वह CAC के सदस्य बनने वाले सबसे युवा व्यक्ति बने थे। उन्होंने सबसे पहले मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद की जगह चेतन शर्मा की नियुक्ति कराई थी। इसके अलावा भी उन्होंने चयनकर्ता समिति में कई बदलाव किए थे। अब द्रविड़ के रूप में उन्होंने अपने करियर की सबसे बड़ी नियुक्ति की है। अभी उन्हें अन्य कोचों की नियुक्ति में भी काम करना होगा।
लगातार भारत के लिए नई पीढ़ी के क्रिकेटर्स तैयार कर रहे थे द्रविड़
2019 में द्रविड़ ने बेंगलुरू स्थित नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) को डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट ऑपरेशन के रूप में ज्वाइन किया था। NCA जाने के पीछे भी द्रविड का लक्ष्य युवा क्रिकेटर्स को संवारने का ही था। पिछले 6 सालों से द्रविड़ चुपचाप भारत के तमाम युवा क्रिकेटर्स के भविष्य को संवार रहे हैं। संजू सैमसन और श्रेयस अय्यर जैसे बल्लेबाज तमाम इंटरव्यू में यह कह चुके हैं कि उन्हें इतना आगे पहुंचाने में द्रविड़ का काफी अहम रोल रहा है।