
अश्विनी कुमार के पास नहीं थे जूते, पैसे एकत्र कर अभ्यास के लिए लाते थे बॉल
क्या है खबर?
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के 12वें मुकाबले में मुंबई इंडियंस (MI) ने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को 8 विकेट से हरा दिया।
MI की जीत में 23 वर्षीय युवा तेज गेंदबाज अश्विन कुमार का अहम योगदान रहा। उन्होंने अपने डेब्यू मैच में 4 विकेट झटककर KKR को बैकफुट पर धकेल दिया।
एक समय अश्विनी के पास गेंदबाजी के लिए जूते (स्पाइक) और गेंद खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। आइए जानते हैं उन्होंने सफलता का सफर कैसे तय किया।
गेंदबाजी
डेब्यू मैच में कैसी रही अश्विनी की गेंदबाजी?
अश्विनी ने अपने पहले ओवर की पहली गेंद पर कप्तान अजिंक्य रहाणे (11) को आउट कर अपने विकेटों का खाता खोला।
इसके बाद उन्होंने रिंकू सिंह (17), मनीष पांडे (19) और आंद्रे रसेल (5) को पवेलियन की राह दिखाई। उन्होंने 3 ओवर में 24 रन खर्च किए।
IPL डेब्यू में अश्विन का यह चौथा सर्वश्रेष्ठ और भारतीयों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हैं। इसी तरह अश्विन डेब्यू मैच की पहली गेंद पर विकेट लेने वाले 10वें खिलाड़ी भी बने हैं।
परिचय
कौन है अश्विनी कुमार?
अश्वनी पंजाब के मोहाली के पास स्थित गांव झंजेरी, फतेहगढ़ गांव के रहने वाले हैं। बाएं हाथ का यह तेज गेंदबाज अपनी भ्रामक बाउंसर और डेथ ओवर विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है।
उनके पिता हरकेश कुमार ऑटो चलाते हैं और गांव में डेढ़ एकड़ जमीन के मालिक हैं।
अश्विनी ने गांव के ही सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं की पढ़ाई पूरी की थी। 12वीं की पढ़ाई के बाद ही उन्होंने क्रिकेट अकादमी में दाखिला लिया था।
संघर्ष
अश्विनी अभ्यास के लिए साइकिल से करते थे 11 किलोमीटर का सफर
इंडियन एक्सप्रेस ने पिता हरकेश के हवाले से लिखा, "अश्विनी ने यहां तक पहुंचने के सफर में कड़ी मेहनत की है। बारिश हो या तेज धूप, वह 11 किलोमीटर दूर मोहाली के PCA या बाद में मुल्लांपुर के नए स्टेडियम में जाने से कभी नहीं हिचकिचाते। कभी-कभी, वह PCA अकादमी में साइकिल से जाता या लिफ्ट लेता या शेयर्ड ऑटो में जाता था। कभी-कभी वह शेयर्ड ऑटो के किराए के लिए मुझसे 30 रुपये की भी मांग करता था।"
जानकारी
रात को 10 बजे लौटता और सुबह 5 बजे जाता
हरकेश ने कहा, "अश्विन अभ्यास के बाद रोजाना रात 10 बजे घर लौटता था और सुबह 5 बजे फिर से निकल जाता था। इस दौरान वह कई बार काफी थक जाता था, लेकिन सफलता की भूख उसे प्रेरित करती और वह फिर से चल पड़ता।"
बदहाली
अश्विनी के पास जूत और गेंद खरीदने के भी नहीं थे पैसे
अश्विनी के बड़े भाई शिव राणा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "अश्विनी ने कड़ा संघर्ष किया है। उसके पास जूते (स्पाइक) और गेंद खरीदने के भी पैसे नहीं होते थे। वह कैनवास के जूते पहनकर गेंदबाजी करता था। उस दौरान चाहत राणा जैसे दोस्त, जो अब इटली में हैं, और अन्य लोग पैसा एकत्र कर उसके लिए क्रिकेट की गेंद और स्पाइक लाते थे।"
उन्होंने कहा, "उसका जुनून क्रिकेट खेलना और हमें गौरवान्वित करना था। आज उसने ऐसा किया है।"
पहचान
वीआरवी सिंह ने पहचानी अश्विनी की प्रतिभा
पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (PCA) के सचिव दिलशेर खन्ना ने कहा, "अश्विनी ने अपने शुरुआती वर्षों में PCA अकादमी में अभिषेक शर्मा, रमनदीप सिंह और अर्शदीप सिंह के साथ अभ्यास किया है। हालांकि, पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वीआरवी सिंह ने अश्विनी गति को पहचाना और उनकी गेंदबाजी के विकास में अहम भूमिका निभाई।"
उन्होंने बताया कि वीआरवी सिंह ने ही अश्विनी को पिच की गति का इस्तेमाल करने सहित अन्य बारीकियां सिखाई है।
सफलता
अश्विनी को कैसे मिली पहचान?
अश्विनी ने सबसे पहले पंजाब की अंडर-16, अंडर-19 और अंडर-23 घरेलू टीमों के लिए खेलना शुरू किया था।
इसके बाद उन्होंने 2022 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में पंजाब के लिए डेब्यू किया, और 4 मैचों में 3 विकेट झटके।
उन्होंने पंजाब के लिए 2 प्रथम श्रेणी में 3 और 4 लिस्ट-A मैच भी 3 विकेट लिए हैं। हालांकि, शेर-ए-पंजाब टी-20 ट्रॉफी 2024 में सबसे अधिक विकेट लेने के बाद वह MI स्काउट्स की नजर में आ गए थे।
निराशा
अश्विनी को इन IPL टीमों ने कर दिया था खारिज
भाई शिव ने बताया कि अश्विनी हमेशा से ही अनुभवी खिलाड़ी जसप्रीत बुमराह और मिचेल स्टार्क की तरह बनना चाहता था और उसने इसके अनुसार ही मेहनत भी की है।
अश्विनी ने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK), कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और राजस्थान रॉयल्स (RR) जैसी टीमों के लिए भी ट्रायल दिया था, लेकिन सभी उसे खारिज कर दिया।
उन्होंने बताया कि पिछले साल अश्विन ने MI के लिए ट्रायल दी और टीम ने उसे 30 लाख में खरीद लिया।