
टोक्यो ओलंपिक: चौथे स्थान पर रहीं भारतीय गोल्फर अदिति अशोक, गंवाया पदक जीतने का मौका
क्या है खबर?
टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत की महिला गोल्फर अदिति अशोक व्यक्तिगत इवेंट में ऐतिहासिक पदक जीतने से चूक गईं। चार दिन के इवेंट में चौथे स्थान पर रहने वाली अदिति के पास भारत को गोल्फ में पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक दिलाने का मौका था।
तीसरे दिन के बाद से ही अदिति लगातार पदक जीतने की होड़ में थीं, लेकिन अंतिम दिन उन्होंने यह शानदार मौका गंवा दिया।
आइए जानते हैं पूरी खबर।
तीसरा दिन
तीसरे दिन दूसरे स्थान पर थीं अदिति
तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक अदिति ने दूसरे स्थान पर कब्जा जमाया था। उन्होंने संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहने वाली लाइडिया को और हन्नाह ग्रीन पर दो स्ट्रोक की बढ़त ले रखी थी।
भारतीय गोल्फर ने टॉप-5 में से चार गोल्फ खिलाड़ियों को पीछे छोड़ा था। वह केवल विश्व की नंबर एक खिलाड़ी अमेरिका की नेली कोर्डा से ही पीछे थीं। कोर्डा ने उन पर तीन स्ट्रोक की बढ़त बनाई थी।
2016 ओलंपिक
2016 रियो ओलंपिक में भी अदिति ने किया था प्रभावित
अदिति दूसरी बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले रही थीं। उन्होंने केवल 18 साल की उम्र में 2016 में हुए रियो ओलंपिक में हिस्सा लिया था। उस समय अदिति का प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं रहा था।
भले ही उन्होंने 41वें स्थान पर रहते हुए समाप्ति की थी, लेकिन अपना नाम बना लिया था। रियो में उनके पिता अशोक उनके साथ थे तो वहीं इस बार उनकी मां माहेश्वरी ने उनका साथ दिया है।
उपलब्धि
अदिति ने हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि
अदिति ने भारत के लिए ऐतिहासिक पदक जीतने का मौका काफी करीब पहुंचकर गंवाया। पहले तीन राउंड तक वह टॉप-3 में बनी रही थीं। उनसे पहले कोई भारतीय गोल्फर यह उपलब्धि हासिल नहीं कर सका है।
बैंगलोर की अदिति वर्तमान समय में दुनिया की 200वें नंबर की गोल्फ खिलाड़ी हैं। हालांकि, उन्हें टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने योग्य खिलाड़ियों की लिस्ट में 45वें स्थान पर रखा गया था।
अन्य उपलब्धियां
अदिति द्वारा हासिल की गईं अन्य उपलब्धियां
2016 में अदिति ने सीजन के लिए अपने लेडीज यूरोपियन टूर कार्ड को सुरक्षित किया था। रियो गेम्स में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अदिति भारत की पहली LPGA प्लेयर बनी थीं। रूकी ऑफ द ईयर में उन्होंने आठवां स्थान हासिल किया था।
अदिति ने 2016 हीरो विमेंस इंडिया ओपन का खिताब भी जीता था। इस दौरान वह लेडीज यूरोपियन टूर टाइटल जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बनी थीं।