ओलंपिक पदक को दांतों से क्यों काटते हैं खिलाड़ी?
क्या है खबर?
इस समय टोक्यो ओलंपिक खेलों का आयोजन हो रहा है, जिसमें तमाम देशों के खिलाड़ी, पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। खेलों के इस महाकुम्भ में विजेता खिलाड़ियों को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक मिलते हैं।
पहले से ऐसा देखा गया है कि विजेता खिलाड़ी पदक को दांतो से काटते हैं और ऐसा ही टोक्यो खेलों में भी देखने को मिल रहा है।
आज हम आपको इसके पीछे के तथ्य और मिथक के बारे में जानकारी देंगे।
मिथक
पदक काटने को लेकर यह है एक मिथक
एक मिथक यह भी है कि ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ी सोने की शुद्धता जांचने के लिए ऐसा करते रहे होंगे। चूंकि सोना काफी मुलायम धातु है, इसलिए दांत गड़ाने से यदि उसमें दाग पड़ जाता है तो वह शुद्ध होता है। ऐसे में ये परम्परा आज भी चली आ रही है।
बता दें, कि ओलंपिक खेलों में मिलने वाला स्वर्ण पदक पूरी तरह से सोने का नहीं होता है और उसमें बहुत कम मात्रा में सोना होता है।
बयान
फोटोग्राफर्स इसे एक आइकोनिक शॉट के तौर पर देखते हैं- डेविड वालेचिंस्की
इंटरनेशल सोसाइटी ऑफ ओलंपिक हिस्टोरियंस के प्रेसिडेंट डेविड वालेचिंस्की ने कुछ साल पहले CNN के साथ इस बारे में चर्चा की थी।
उनका मानना था कि फोटोग्राफर के कहने पर ही खिलाड़ियों ने मेडल को दांतो में दबाया होगा और अब यह ओलंपिक खेलों में एक परम्परा बन गई है।
उन्होंने कहा था, "फोटोग्राफर्स इसे एक बेहतरीन पोज (आइकोनिक शॉट) के तौर पर देखते हैं। कहीं ना कहीं इस पोज के साथ तस्वीरों की वैल्यू बढ़ जाती हैं।"
बयान
पदक विजेता खिलाड़ी फोटोग्राफर के कहने पर ही ऐसा करते होंगे- डेविड
एक सवाल के जवाब में डेविड ने कहा, "मेरी समझ से खिलाड़ी जान-बूझकर या अपनी मर्जी से ऐसा नहीं करते होंगे। खिलाड़ी अपने पदक को काटना कभी पसंद नहीं करेंगे। वह फोटोग्राफर के कहने पर ही ऐसा करते होंगे।"
राफेल नडाल
पदक और ट्रॉफी को दांतो में दबाने के लिए नडाल भी हैं प्रसिद्ध
स्पेन के टेनिस स्टार राफेल नडाल भी पदक को दांतो में दबाने की इस परम्परा से अछूते नहीं रहे हैं। नडाल ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक ने पुरुष एकल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। इसके आठ साल बाद, पुरुष युगल में मार्क लोपेज के साथ मिलकर रियो ओलंपिक 2016 का भी स्वर्ण पदक जीता था।
पदक के अलावा नडाल अपनी ट्रॉफी को भी काटते हुए कई बार दिखाई दिए हैं और ऐसा करने के लिए विश्व विख्यात हैं।
जानकारी
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को रिसाइकल करके बने हैं टोक्यो ओलंपिक के पदक
हाल ही में टोक्यो ओलिंपिक आयोजन समिति ने जानकारी दी थी कि उनके पदक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से बने हैं।
उन्होंने एक अमरीकी ऐथलीट की तस्वीर के साथ ट्वीट करते हुए लिखा, 'हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि टोक्यो ओलिंपिक के मेडल मुंह में नहीं रखे जा सकते। हमारे पदक जापानी जनता द्वारा दान किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से बने हैं। इसलिए, आपको उन्हें काटने की जरूरत नहीं है। लेकिन हम जानते हैं कि आप अभी भी ऐसा करेंगे।'
ट्विटर पोस्ट
ऐसा है टोक्यो आयोजन समिति का मजेदार ट्वीट
We just want to officially confirm that the #Tokyo2020 medals are not edible!
— #Tokyo2020 (@Tokyo2020) July 25, 2021
Our 🥇🥈🥉 medals are made from material recycled from electronic devices donated by the Japanese public.
So, you don't have to bite them... but we know you still will 😛 #UnitedByEmotion