भारतीय टीम में पहली बार शामिल किए गए 21 वर्षीय रवि बिश्नोई का सफर
क्या है खबर?
21 साल के भारतीय लेग-स्पिनर रवि बिश्नोई के लिए पिछले कुछ दिन शानदार रहे हैं। बिश्नोई को बीती रात वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली लिमिटेड ओवर्स की सीरीज के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है।
राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले बिश्नोई ने पिछले दो साल में लगातार अच्छा खेल दिखाया है और सभी को प्रभावित किया है।
आइए जानते हैं अब तक कैसा रहा है बिश्नोई का सफर।
शुरुआत
राजस्थान की अंडर-19 ट्रॉयल से रिजेक्ट हुए थे बिश्नोई
बिश्नोई ने राजस्थान की अंडर-19 टीम के लिए ट्रॉयल दिया था, लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था। इसके बाद उनके कोच शाहरुख पठान ने दिशांत याग्निक से बात करके बिश्नोई का दोबारा ट्रॉयल कराया था।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उस ट्रॉयल में बिश्नोई ने अंडर-19 के एक बेहतरीन बल्लेबाज को पहली दो गेंदों पर लगातार दो बार आउट किया था। इसके बाद बिश्नोई को टीम में लिया गया और उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
पिता
बेटे को क्रिकेट नहीं खेलने देना चाहते थे बिश्नोई के पिता
बिश्नोई के पिता स्कूल के हेडमास्टर हैं और वह चाहते थे कि उनका बेटा भी पढ़ाई पर ध्यान लगाए और कोई नौकरी करे।
उन्होंने बताया, "उसको रोता देखकर मुझे बुरा तो लगता था, लेकिन मेरे मन में सवाल था कि यहां से कोई भारत के लिए नहीं खेला तो वह कैसे खेल पाएगा। मैं सोचता था कि वह पढ़कर कोई नौकरी कर ले, लेकिन जिंदगी का अलग ही प्लान था।"
अंडर-19 विश्व कप
2020 अंडर-19 विश्व कप में सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे थे बिश्नोई
बिश्नोई ने 2020 अंडर-19 विश्व कप में ऐसा प्रदर्शन किया था कि वह देखते ही देखते सबकी नजरों में आ गए थे। उन्होंने छह मैचों में 10.65 की बेहतरीन औसत के साथ टूर्नामेंट में सबसे अधिक 17 विकेट लिए थे।
टूर्नामेंट के फाइनल में भारत को हार मिली थी, लेकिन बिश्नोई को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का कॉन्ट्रैक्ट मिल गया था। पंजाब किंग्स ने उन्हें दो करोड़ रुपये की कीमत में खरीदा था।
IPL
IPL में बिश्नोई ने लगातार दो सीजन किया बेहतरीन प्रदर्शन
UAE में खेले गए IPL के पहले सीजन में बिश्नोई ने शानदार प्रदर्शन किया था। बिश्नोई ने उस सीजन नौ मैचों में 12 विकेट लिए थे और उनकी इकॉनमी 6.38 की रही थी।
IPL के पिछले सीजन में बिश्नोई ने 14 मैचों में 7.37 की इकॉनमी से 12 विकेट लिए थे। किफायती और विकेट निकालने वाला गेंदबाज होने के साथ ही बिश्नोई एक जबरदस्त फील्डर भी हैं। उन्होंने दो सीजन में कुछ बेहतरीन कैच भी लपके हैं।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
बिश्नोई का एक्शन परंपरागत लेग-स्पिनर्स के जैसा नहीं है और उनका बायां हाथ थोड़ा सीधा रहता है। इसके अलावा बिश्नोई का रन-अप भी लंबा है। इन दो चीजों के कारण बिश्नोई की गुगली समझ पाना बल्लेबाजों के लिए मुश्किल होता है।
अनिल कुंबले की कोचिंग में खेल चुके बिश्नोई स्टंप पर अधिक आक्रमण करते हैं और वह बल्लेबाज को अधिक रूम नहीं देते हैं। इसके साथ ही बल्लेबाजों को शॉट खेलने के लिए भी लालच देते हैं।
भारतीय टीम
भारत के लिए भविष्य में बेहद अहम हो सकते हैं बिश्नोई
फिलहाल भारतीय टीम में युजवेंद्र चहल लेग-स्पिनर के रूप में पहली पसंद हैं। राहुल चाहर भी एक ऐसा नाम हैं जो भारतीय टीम में जगह बना चुके हैं। हालांकि, अब तक राहुल की टीम में जगह पक्की नहीं हो सकी है।
चहल ने अब तक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला और राहुल भी लिमिटेड ओवर्स में ही ज्यादा फोकस करते दिखे हैं। युवा बिश्नोई को तैयार किया जाए तो वह टेस्ट क्रिकेट में भी भारत के लिए अहम हो सकते हैं।