
क्यों खास है नासा का लॉन्च पैड 39A, जिससे ISS के लिए उड़ान भरेंगे शुभांशु शुक्ला?
क्या है खबर?
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) की उड़ान पर जाने वाले हैं।
वह एक्सिओम-4 मिशन के तहत स्पेस-X के फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन कैप्सूल से उड़ान भरेंगे। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और नासा दोनों की साझेदारी से हो रहा है।
यह 1984 में राकेश शर्मा की उड़ान के बाद भारत के लिए दूसरी मानव अंतरिक्ष उड़ान होगी, जो भविष्य में गगनयान मिशन के लिए अनुभव बढ़ाएगी।
खासियत
लॉन्च पैड 39A क्यों है खास?
इस ऐतिहासिक मिशन की लॉन्चिंग फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से होगी। यही वह लॉन्च पैड है जहां से नील आर्मस्ट्रांग ने 1969 में चांद की ओर अपोलो 11 मिशन के तहत उड़ान भरी थी।
यह स्थान अमेरिकी अंतरिक्ष इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। अब इसी लॉन्च पैड से ग्रुप कैप्टन शुक्ला भी उड़ान भरेंगे, जो भारत के लिए एक गौरव की बात है।
महत्व
मिशन में हुई देरी
यह मिशन पहले 29 मई, 2025 को लॉन्च होना था, लेकिन अब 8 जून, 2025 की शाम से पहले नहीं लॉन्च होगा।
देरी की वजह अंतरिक्ष स्टेशन की उड़ान व्यवस्था, यान की तैयारी और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इंसानों की उड़ान में कोई चूक नहीं होनी चाहिए, इसलिए तारीख बदली गई है।
यह मिशन भारत के लिए खास है, क्योंकि इससे हमारे गगनयान मिशन की तैयारी को और मजबूती मिलेगी।
योजनाएं
वैज्ञानिक प्रयोग और भविष्य की योजनाएं
ग्रुप कैप्टन शुक्ला इस मिशन में मिशन पायलट के रूप में काम करेंगे और 14 दिन तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेंगे। वह वहां कृषि, भोजन और मानव जीवविज्ञान से जुड़े 7-9 प्रयोग करेंगे। उनके साथ 3 और अंतरिक्ष यात्री होंगे।
यह मिशन भारत की अंतरिक्ष योजनाओं में बड़ा कदम होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) और 2040 तक चांद पर भारतीय भेजने की बात कही है।