
दुनिया के 5 सबसे महंगे अंतरिक्ष टेलीस्कोप कौन से हैं?
क्या है खबर?
हमारा सौरमंडल कई रहस्यों से भरा हुआ है। नासा समेत दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां अलग-अलग टेलीस्कोप और मिशनों के जरिए इन रहस्यों से पर्दा उठाने में जुटी हुई हैं।
इनमें अंतरिक्ष टेलीस्कोप सबसे ज्यादा लंबे समय तक और सटीक जानकारी देने में सक्षम होते हैं। ये टेलीस्कोप ग्रहों, तारों, आकाशगंगाओं और ब्लैक होल तक की तस्वीरें धरती पर भेजते हैं।
आइए जानते हैं दुनिया के 5 सबसे महंगे अंतरिक्ष टेलीस्कोप कौन-कौन से हैं।
स्पिट्जर
स्पिट्जर टेलीस्कोप
स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप नासा द्वारा 2003 में लॉन्च किया गया था और इसकी लागत लगभग 80 करोड़ डॉलर (लगभग 6,600 करोड़ रुपये) थी।
यह इन्फ्रारेड लाइट के जरिए ब्रह्मांड के ठंडे और धूल भरे हिस्सों को देखने में सक्षम था। इसने नए ग्रहों की खोज, युवा तारों की गतिविधियां और आकाशगंगाओं की संरचना जैसे अहम खुलासे किए।
स्पिट्जर को 2020 में रिटायर कर दिया गया, लेकिन इसकी खोजें आज भी काम आती हैं।
चंद्रा एक्स-रे
चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी
नासा ने चंद्रा टेलीस्कोप को 1999 में लॉन्च किया था, जिसकी लागत लगभग 1.65 अरब डॉलर (करीब 13,600 करोड़ रुपये) थी।
यह टेलीस्कोप ब्रह्मांड से आने वाली एक्स-रे किरणों का अध्ययन करता है। इसकी मदद से वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल, न्यूट्रॉन स्टार और सुपरनोवा जैसी घटनाओं की गहराई से जानकारी प्राप्त की।
चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी आज भी काम कर रहा है और एक्स-रे से जुड़ी सबसे बारीक जानकारियां भेजता है।
यूक्लिड
यूक्लिड टेलीस्कोप
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा 2023 में लॉन्च किया गया यूक्लिड टेलीस्कोप करीब 1.4 अरब यूरो (लगभग 13,600 करोड़ रुपये) में तैयार हुआ था।
इस टेलीस्कोप का मकसद डार्क मैटर और डार्क एनर्जी जैसी रहस्यमयी चीजों की जानकारी जुटाना है। यह टेलीस्कोप ब्रह्मांड के विस्तार को मापने में भी मदद करता है।
यूक्लिड टेलीस्कोप इन्फ्रारेड और विजिबल लाइट में काम करता है और अरबों आकाशगंगाओं का सर्वे कर सकता है।
जेम्स वेब
जेम्स वेब टेलीस्कोप है सबसे महंगा
हबल स्पेस टेलीस्कोप, 1990 में लॉन्च हुआ और इसकी लागत लगभग 1.5 अरब डॉलर (करीब 12,900 करोड़ रुपये) थी। इसने हजारों अद्भुत तस्वीरें भेजी और आकाशगंगाओं की उम्र, विस्तार और संरचना का अध्ययन किया।
वहीं, सबसे महंगा जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप है, जिसे 2021 में लॉन्च किया गया। इसकी लागत 10 अरब डॉलर (करीब 86,000 करोड़ रुपये) से भी ज्यादा है।
यह ब्रह्मांड की शुरुआत, प्राचीन तारों और संभावित जीवन वाले ग्रहों की खोज में लगा है।