
मंगल ग्रह पर अब तक कौन-कौन सी प्राकृतिक गतिविधियों के बारे में चला है पता?
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा समेत कई अन्य देशों की संस्थाएं मंगल ग्रह का गहराई से अध्ययन कर रही हैं।
इसके लिए अब तक कई मिशन भेजे गए हैं। इन मिशनों ने मंगल की सतह, वातावरण और अंदरूनी गतिविधियों के बारे में अहम जानकारियां दी हैं।
इन प्रयासों से हमें यह समझने में मदद मिल रही है कि मंगल पर जीवन के लिए अनुकूल परिस्थितियां रही हैं या नहीं।
भूकंप
मंगल पर भूकंप की पुष्टि इनसाइट मिशन से
2018 में नासा का इनसाइट मिशन मंगल की सतह पर उतरा था और इसी दौरान पहली बार मंगल ग्रह पर भूकंप (मार्सक्वेक) की पुष्टि हुई।
इस मिशन ने 2022 में 5.0 तीव्रता का अब तक का सबसे तेज भूकंप दर्ज किया। इसी मिशन से साफ हुआ कि मंगल की सतह के नीचे अब भी हलचल मौजूद है।
हालांकि, ये भूकंप धरती की तरह टेक्टोनिक प्लेट्स के कारण नहीं होते, बल्कि सतह के सिकुड़ने की वजह से आते हैं।
ज्वालामुखी
मंगल के विशाल ज्वालामुखी और उनकी निष्क्रियता
मंगल पर मौजूद ओलम्पस मोंस नाम का ज्वालामुखी पूरे सौरमंडल का अब तक का ज्ञात सबसे ऊंचा ज्वालामुखी है।
हालांकि, यह अब निष्क्रिय है, लेकिन नासा के मार्स ग्लोबल सर्वेयर और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के मार्स एक्सप्रेस जैसे मिशनों से पता चला कि करोड़ों साल पहले मंगल पर ज्वालामुखीय गतिविधियां होती थीं।
इस जानकारी से यह संकेत मिला कि ग्रह के अंदर एक समय गर्मी और पिघली हुई चट्टानें सक्रिय थीं।
मौसम
मंगल का मौसम और धूल भरी आंधियां
मंगल पर बारिश तो नहीं होती, लेकिन नासा के परसेवरेंस और क्यूरोसिटी रोवर ने धूल भरी तेज आंधियों को रिकॉर्ड किया है। इन आंधियों से रोवरों की सौर ऊर्जा प्रणाली प्रभावित होती है।
इसके अलावा, इन मिशनों से यह भी पता चला है कि मंगल पर बहुत ठंडा मौसम होता है और यहां भी 4 ऋतुएं होती हैं, जैसे पृथ्वी पर, लेकिन हर ऋतु ज्यादा लंबी होती है और तापमान अक्सर -60°C से नीचे चला जाता है।