गगनयान मिशन: ISRO ने क्रू मॉड्यूल को तरल प्रणोदन प्रणाली से लैस किया
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने गगनयान मिशन के लिए पहले मानवरहित मिशन (G1) के लिए क्रू मॉड्यूल में तरल प्रणोदन प्रणाली को एकीकृत करने में सफलता दर्ज कर मील का पत्थर स्थापित किया है।
सफल एकीकरण के बाद क्रू मॉड्यूल को ISRO के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) से रवाना कर दिया गया।
अपडेटेड क्रू मॉड्यूल में अब सटीक 3-अक्षीय कंट्रोल के लिए एक उन्नत द्वि-प्रणोदक आधारित रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS) है।
सहायक
नया सिस्टम अंतरिक्ष यान को उतरने में करेगा मदद
नई एकीकृत प्रणाली क्रू मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (CMPS) उतरते समय की नाजुक स्थिति और पुन: प्रवेश चरणों के दौरान अंतरिक्ष यान के 3-अक्ष (पिच, यॉ और रोल) को कंट्रोल करेगी।
यह सर्विस मॉड्यूल पृथक्करण के समय से लेकर पैराशूट-आधारित मंदन सिस्टम की तैनाती तक सक्रिय रहेगा।
CMPS में 12 थ्रस्टर्स हैं, जो 100N का बल उत्पन्न करते हैं। उच्च दबाव वाली गैस बोतलों के साथ एक दबाव प्रणाली और द्रव नियंत्रण घटकों के साथ एक प्रणोदक फीड प्रणाली है।
बयान
सफलता को लेकर ISRO ने क्या कहा?
ISRO ने कहा, "21 जनवरी को ISRO के LPSC ने तरल प्रणोदन प्रणाली के एकीकरण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, गगनयान (G1) के पहले मानव रहित मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल भेजा।"
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, "विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) द्वारा डिजाइन किए क्रू मॉड्यूल अपराइटिंग सिस्टम (CMUS) को भी LPSC के मॉड्यूल में एकीकृत किया गया था।"
गगनयान को उसके पहले मानव रहित मिशन के लिए तैयार करने की दिशा में यह एक और बड़ा कदम है।