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    नासा ने बदली मंगल से सैंपल लाने की योजना, जानें अब कैसे होगी पृथ्वी पर वापसी
    नासा ने बदली मंगल से सैंपल लाने की योजना (प्रतीकात्मक तस्वीर: नासा)

    नासा ने बदली मंगल से सैंपल लाने की योजना, जानें अब कैसे होगी पृथ्वी पर वापसी

    लेखन बिश्वजीत कुमार
    Jan 08, 2025
    04:43 pm

    क्या है खबर?

    नासा ने मंगल ग्रह से पत्थरों और अन्य अवशेषों के सैंपल वापस लाने की अपनी योजना में बदलाव किया है।

    एजेंसी के अधिकारियों ने मिशन की तकनीकी कठिनाई और बढ़ती लागत को कम करने के लिए अपनी मूल योजना के कुछ हिस्सों को रद्द करने का फैसला किया है।

    नासा अब 2 अलग-अलग विकल्पों पर काम करेगी। यह निर्णय नासा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे मिशन की समयसीमा और लागत कम की जा सकती है।

    नई योजना

    नासा की नई योजना के विकल्प

    नासा की मंगल सैंपल वापसी योजना में अब 2 नए विकल्प शामिल हैं।

    पहला विकल्प यह है कि नासा क्यूरियोसिटी और पर्सिवियरेंस रोवर्स की तरह मंगल पर लैंडर भेजे, जो रॉकेट से धीमा होकर मंगल की सतह पर उतरते हैं। दूसरा विकल्प अन्य निजी अंतरिक्ष कंपनियों के साथ मिलकर मंगल पर नया लैंडर भेजने का है।

    नासा ने दोनों विकल्पों पर काम करने का निर्णय लिया है और 2026 में इनमें से एक विकल्प को अंतिम रूप दिया जाएगा।

    वजह

    नासा की योजना में बदलाव क्यों हुए?

    नासा प्रमुख बिल नेल्सन ने बताया कि मंगल सैंपल वापसी मिशन की लागत इतनी बढ़ गई थी कि इसका बजट 11 अरब डॉलर (लगभग 940 अरब रुपये) तक पहुंचने की संभावना थी।

    यह स्थिति नासा के लिए अस्वीकार्य थी, जिसके कारण एजेंसी ने अपनी योजना को सरल और किफायती बनाने का फैसला किया।

    नए विकल्पों के माध्यम से, नासा मिशन की लागत को नियंत्रित करने के साथ-साथ सैंपल को वापस लाने की प्रक्रिया को अधिक समयसीमा में पूरा कर सकेगा।

    बदलाव

    नए विकल्पों में क्या बदलाव होंगे? 

    नासा की पिछली योजना में एक सैंपल रिट्रीवल लैंडर को शामिल किया गया था, जो मंगल की सतह से सैंपल एकत्र कर उन्हें रॉकेट के जरिए पृथ्वी पर भेजता था।

    अब नासा नए लैंडिंग विकल्पों पर काम कर रही है, जिसमें एक छोटा रॉकेट सिस्टम शामिल होगा, जो मंगल की सतह से सैंपल को वापस लाने में मदद करेगा।

    इसके अलावा, नासा ने 2 अलग-अलग तकनीकी दृष्टिकोणों का उपयोग करने का निर्णय लिया है, ताकि वह लागत नियंत्रित कर सके।

    समय और लागत

    नासा की योजना से जुड़े समय और लागत

    नासा के अधिकारियों का कहना है कि मंगल सैंपल वापसी मिशन में किए गए बदलावों के परिणामस्वरूप सैंपल 2035 की शुरुआत में पृथ्वी पर वापस आ सकते हैं, लेकिन वित्तीय स्थितियों के आधार पर यह समयसीमा 2039 तक बढ़ सकती है।

    नासा ने इस मिशन के लिए संभावित लागत का भी अनुमान लगाया है, जो स्काई क्रेन विकल्प के लिए लगभग 560-660 अरब रुपये और वाणिज्यिक मार्ग के लिए लगभग 500-600 अरब रुपये हो सकती है।

    तुलना 

    नासा और चीन के अंतरिक्ष कार्यक्रम की तुलना 

    चीन ने हाल ही में मंगल ग्रह से सैंपल वापस लाने की योजना का ऐलान किया है और इस मिशन को 2031 तक पृथ्वी पर लाने का लक्ष्य है।

    नासा प्रमुख ने कहा कि दोनों देशों के मिशन की तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि नासा का उद्देश्य मंगल ग्रह के भूवैज्ञानिक इतिहास और जीवन के संभावित संकेतों को समझना है, जबकि चीन का उद्देश्य मिशन की सफलता पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है।

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