चंद्रमा पर अगले साल पहुंचने वाले हैं ये 2 निजी लैंडर, जानिए इनका उद्देश्य क्या होगा
स्पेस-X जैसी निजी अंतरिक्ष कंपनियां नासा समेत दुनिया की अन्य प्रमुख सरकारी अंतरिक्ष एजेंसियों के सहयोग के लिए बढ़-चढ़कर अपना योगदान दे रही है। इसी कड़ी में अगले साल आईस्पेस और फायरफ्लाई एयरोस्पेस नामक 2 निजी कंपनियां जनवरी, 2025 में स्पेस-X के फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए चांद पर उतरने की योजना बना रही हैं। ये दोनों ही कंपनियां एक ही सवारी साझा करेंगी, जिसमें आईस्पेस का हकुटो-आर लैंडर और फायरफ्लाई का ब्लू घोस्ट लैंडर इस मिशन का हिस्सा हैं।
आईस्पेस CEO ने क्या कहा?
आईस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) ताकेशी हाकामाडा ने बताया कि कंपनी जल्द ही चंद्रमा पर उतरने का दूसरा प्रयास करेगी। यह मिशन 6 दिनों की लॉन्च विंडो के तहत जनवरी में शुरू होगा, चंद्र अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देगा। उन्होंने कहा कि दुनियाभर की कंपनियां चंद्रमा पर उतरने का लक्ष्य बना रहीं और आईस्पेस अपने अनुभव का उपयोग करके इस दिशा में अग्रणी बनने का प्रयास करेगी। उन्होंने मिशन को ऐतिहासिक बताते हुए समर्थन की अपील की है।
हकुटो-R मिशन का उद्देश्य क्या है?
हकुटो-R लैंडर का उद्देश्य चंद्रमा के उत्तरी गोलार्ध के पास स्थित मैरे फ्रिगोरिस (सी ऑफ कोल्ड) में लैंड करना है। इसमें टेनेशियस नाम का एक माइक्रोरोवर है, जो यूरोप में पूरी तरह से निर्मित पहला चंद्र रोवर है। यह चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक अध्ययन करेगा और लैंडर की लचीलापन क्षमता को परखेगा। 'R' का मतलब लचीलापन है, जो इस मिशन की मुख्य विशेषता है। यह मिशन चंद्रमा पर यूरोपीय तकनीक के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
ब्लू घोस्ट मिशन का उद्देश्य
ब्लू घोस्ट मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के मैरे क्रिसियम क्षेत्र में मॉन्स लैट्रेइल के पास लैंड करना है। इसमें सभी वैज्ञानिक उपकरण लैंडर में पैक किए गए हैं, जो कक्षा से चंद्रमा का अवलोकन भी करेगा। इस मिशन का फोकस चंद्रमा की सतह और वातावरण का अध्ययन करना है। यह मिशन न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान को आगे बढ़ाएगा, बल्कि चंद्रमा पर भविष्य की गतिविधियों के लिए मार्ग भी तैयार करेगा।