इस महीने आसमान में दिखेगी उल्का की बौछार, जानिए कब और देख सकते हैं इसे
खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वाले लोगों के लिए इस साल का आखिरी महीना काफी खास है, क्योंकि 21 और 22 दिसंबर को अंतरिक्ष में उर्सिड उल्का बौछार अपनी चरम स्थिति पर होगी। यह इस साल का अंतिम उल्कापात है। इस दौरान रात के समय हर घंटे 5 से 10 उल्कापिंड देखे जा सकते हैं, जो एक रोमांचक अनुभव देंगे। यह घटना साफ आकाश में आधी रात से लेकर तड़के तक दिखाई देगी।
उर्सिड उल्का बौछार कब और क्यों होता है?
उर्सिड उल्का बौछार हर साल 17 से 26 दिसंबर के बीच होती है और इसका प्रमुख गतिविधि दौर 22 और 23 दिसंबर के आसपास होता है। यह बौछार पृथ्वी के पास शनि के धूल के बादलों से गुजरने के कारण होती है। शनि का कक्षीय पथ पृथ्वी के रास्ते में एक धुंआधार ट्रेल छोड़ता है, जिसमें धूल कण होते हैं। जब पृथ्वी इस ट्रेल से गुजरती है, तो धूल कण वायुमंडल में जलकर उल्काओं के रूप में चमकने लगते हैं।
कब और कैसे देखें उर्सिड उल्का बौछार?
उर्सिड उल्का बौछार 22 दिसंबर को सुबह से पहले चरम पर होगी, जो भारतीय समयानुसार रात 12:00 बजे से सुबह 05:00 बजे के बीच देखी जा सकती है। सबसे अच्छे दृश्य के लिए, शहर की रोशनी से दूर एक अंधेरे स्थान पर जाएं। चंद्रमा का हल्का प्रकाश थोड़ी परेशानी डाल सकता है, लेकिन फिर भी प्रति घंटे 5-10 उल्काएं देखी जा सकती हैं। आंखों को अंधेरे में ढलने के लिए कम से कम 15-20 मिनट का समय दें।