नासा का सुपर कंप्यूटर इस तरह ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने में कर रहा मदद
नासा में सुपरकंप्यूटर का उपयोग महत्वपूर्ण अनुसंधान कार्यों के लिए किया जाता है। ये कंप्यूटर सूर्य की गतिविधियों, मौसम और जलवायु विज्ञान और अंतरिक्ष यात्रा के लिए आवश्यक डिजाइनों पर काम करने में मदद करते हैं। उच्च-स्तरीय कंप्यूटिंग का उपयोग विभिन्न परियोजनाओं में होता है, जैसे पृथ्वी और अंतरिक्ष की सुरक्षा से जुड़ी खोजें और नए मॉडल और डिजाइन विकसित करना। ये परियोजनाएं नासा को ब्रह्मांड की बेहतर समझ और भविष्य के मिशनों की तैयारी में मदद करती हैं।
आर्टेमिस II मिशन में सुपरकंप्यूटर का उपयोग
नासा के शोधकर्ता सुपरकंप्यूटर का उपयोग करके आर्टेमिस II मिशन के लिए परीक्षण उड़ान की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने रॉकेट के लॉन्च के दौरान उत्पन्न ध्वनि और दबाव की समस्याओं का सिमुलेशन किया। इस सिमुलेशन से 400 टेराबाइट डाटा प्राप्त हुआ, जिससे यह पता चला कि ध्वनि दमन प्रणाली प्रभावी है, लेकिन पानी और गैसों के आपसी प्रभाव से समस्याएं हो सकती हैं। इस डाटा की मदद से रॉकेट के लॉन्च प्लेटफॉर्म को दोबारा डिजाइन किया जा रहा है।
सुपरकंप्यूटर की मदद से विमान डिजाइन
नासा विमान डिजाइन को सुधारने के लिए सुपरकंप्यूटर का उपयोग कर रही, जिससे वाणिज्यिक उड़ानें और बेहतर बन सकें। वे विमान के पंखों, धड़ और अन्य हिस्सों के आकार को बदलकर वायु प्रतिरोध (ड्रैग) को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे उड़ान में आवश्यक ऊर्जा और ईंधन की मात्रा घटेगी, उत्सर्जन कम होंगे और प्रदर्शन बेहतर होगा। सिमुलेशनों से यह भी पता चला है कि यह डिजाइन मौजूदा विमानों में 4 प्रतिशत तक ड्रैग कम कर सकते हैं।
मौसम और जलवायु पर AI और सुपरकंप्यूटर का प्रयोग
नासा और उसके साथी अब मौसम और जलवायु के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर रहे हैं। वे एक नया मॉडल विकसित कर रहे हैं, जिसे 'अर्थ WxC' कहा जाता है, जो बिना लेबल वाले बड़े डाटा का उपयोग करता है। यह मॉडल नासा के सुपरकंप्यूटर, एनवीडिया A100 GPU पर प्रशिक्षित किया गया है, जिससे यह तूफान जैसे मौसम घटनाओं का सही अनुमान लगा सकता है। यह मॉडल मौसम पूर्वानुमान और जलवायु बदलावों की भविष्यवाणी करने में मदद करेगा
न्यूट्रॉन सितारों के रहस्यों को जानने में सुपरकंप्यूटर का उपयोग
नासा के शोधकर्ता न्यूट्रॉन सितारों के रहस्यों को जानने के लिए सुपर कंप्यूटर और AI का इस्तेमाल कर रहे हैं। गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में चलाए जा रहे सिमुलेशन और AI उपकरण, जैसे कि डीप न्यूरल नेटवर्क, न्यूट्रॉन सितारों के द्रव्यमान, त्रिज्या और चुंबकीय क्षेत्र का अनुमान लगाने में मदद कर रहे हैं। ये सिमुलेशन, नासा के डाटा से ब्लैक होल और अन्य अंतरिक्ष घटनाओं को समझने में भी मदद करेंगे और भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए मार्गदर्शन करेंगे।
सौर गतिविधियों को समझने में सुपरकंप्यूटर
नासा के वैज्ञानिकों ने सूर्य की गतिविधियों को समझने के लिए 3D मॉडल बनाए हैं। इन मॉडलों का उपयोग नासा के सुपरकंप्यूटर पर किया जाता है, जो सौर प्लाज्मा की भौतिकी को छोटे से बड़े पैमाने तक जांचने में मदद करता है। यह मॉडल सूर्य के वायुमंडल में होने वाली घटनाओं, जैसे सौर जेट और बवंडर को समझने में मदद करते हैं और यह बताते हैं कि ये घटनाएं अंतरिक्ष मौसम को कैसे प्रभावित करती हैं।
डाटा विश्लेषण में सुपरकंप्यूटर
नासा के वैज्ञानिक विजुअलाइजेशन स्टूडियो (SVS) डाटा को समझने योग्य बनाने के लिए वैज्ञानिकों के साथ काम करता है। नासा के डिस्कवर सुपरकंप्यूटर का उपयोग सिमुलेशन और डाटा विश्लेषण के लिए किया जाता है। यह सुपरकंप्यूटर सूर्य से पृथ्वी तक के कोरोनल मास इजेक्शन, कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन और एल नीनो-ला नीना जैसे मौसम पैटर्न को विजुअलाइज करने में मदद करता है। इन विजुअलाइजेशन्स से जटिल वैज्ञानिक डाटा को आसानी से समझा जा सकता है।