आर्टिमिस समझौता क्या है, जिसके तहत भारत-अमेरिका भेजेंगे साझा चांद मिशन?
भारत ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के आर्टिमिस समझौते में शामिल होने का फैसला किया है। व्हाइट हाउस ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि यह समझौता समान विचारधारा वाले देशों को नागरिक अंतरिक्ष एक्सप्लोरेशन पर एक साथ लाता है। इस समझौते के तहत नासा और भारत की अंतरिक्ष एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 2024 में अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए एक संयुक्त मिशन आयोजित करने पर सहमत हुए हैं।
मिशन के जरिए प्राप्त की जाएगी चांद की जानकारी
आर्टिमिस समझौता चंद्रमा के बारे में जानकारी प्राप्त करने और उससे जुड़ी अन्य खोजों में कई देशों के आपस में मिलकर काम करने के एक तरीके के रूप में उभरा है। नासा के आर्टिमिस कार्यक्रम के नाम पर इन समझौतों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चंद्रमा पर खोज टिकाऊ और शांतिपूर्ण हो। इसमें भाग लेने वाले देशों के बीच पारदर्शिता और आपसी सहयोग को बढ़ावा दिया जाता है।
क्या है आर्टिमिस समझौता?
नासा का आर्टिमिस समझौता चंद्रमा और उससे आगे की गतिविधियों के लिए एक सामान्य समझ और नियमों का सेट है। अमेरिका के नेतृत्व में कई देशों ने समझौते में शामिल होने और उसके सिद्धांतों का पालन करने में रुचि दिखाई है। नासा की वेबसाइट के मुताबिक, आर्टिमिस समझौते में ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, मैक्सिको, रोमानिया, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), इजराइल, न्यूजीलैंड,सउदी अरब, ब्रिटेन, ब्राजील, इटली, पोलैंड, सिंगापुर, कनाडा, जापान, यूक्रेन, कोलंबिया आदि देश हैं।
समझौते के उद्देश्य क्या हैं?
इन सिद्धांतों में शांतिपूर्ण तरीके से अंतरिक्ष की खोज करना, अंतरिक्ष गतिविधियों के बारे में खुला रहना, विभिन्न अंतरिक्ष सिस्टम के साथ मिलकर काम करने के साथ ही चंद्रमा पर महत्वपूर्ण स्थलों और चीजों को संरक्षित करना शामिल है। समझौते में संसाधन, वैज्ञानिक डाटा साझा करके सहयोग करने, अंतरिक्ष वस्तुओं को पंजीकृत करने और अंतरिक्ष मलबे को कम करने पर भी जोर दिया गया है। इस समझौते का एक महत्वपूर्ण पहलू अंतरराष्ट्रीय सहयोग है।
ये है नासा की योजना
आर्टिमिस मिशन को चांद एक्सप्लोरेशन की अगली पीढ़ी के रूप में जाना जाता है। आर्टिमिस चांद एक्सप्लोरेशन कार्यक्रम के जरिए नासा वर्ष 2024 तक पहली महिला और पहले पुरुष को चंद्रमा पर भेजने की योजना बना रहा है। नासा रोबोट और अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा एक्सप्लोरेशन में सहायता के लिये सतह पर एक आर्टिमिस बेस कैंप और चंद्रमा की कक्षा में एक गेटवे स्थापित करेगा। यह गेटवे नासा के स्थायी चांद संचालन का एक महतत्त्वपूर्ण घटक है।
अन्य अंतरिक्ष एजेंसिया इस तरह करती हैं सहयोग
आर्टिमिस मिशन में शामिल अन्य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां भी अलग-अलग तरह से मदद करेंगी। उदाहरण के लिए कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी ने गेटवे के लिये उन्नत रोबोटिक्स प्रदान करने का वादा किया है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी अंतर्राष्ट्रीय आवास और ESPRIT मॉड्यूल प्रदान करेगी जो अन्य चीजों के अलावा अतिरिक्त संचार क्षमता प्रदान करेगा। जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी आवासीय घटकों (हैबिटेशन कंपोनेंट्स) और रसद की आपूर्ति करने के लिये योजना बना रही है।