पिछले साल सरकार के आदेश पर 1,157 घंटे बंद रहा इंटरनेट, 43 अरब रुपये का नुकसान
क्या है खबर?
सरकार जरूरत पड़ने पर इंटरनेट सेवाएं बंद करने का आदेश देती है और 2021 में सरकार की ओर से लिए गए ऐसे फैसलों का डाटा सामने आया है।
इंटरनेट फर्म www.top10vpn.com की रिसर्च में सामने आया कि पिछले साल केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर मिले इंटरनेट बंद करने के आदेशों के चलते कुल 1,157 घंटे इंटरनेट बंद किया गया।
इन इंटरनेट शटडाउन्स से 5.91 करोड़ लोग प्रभावित हुए और 58.3 करोड़ डॉलर (लगभग 43 अरब रुपये) का नुकसान हुआ।
रिपोर्ट
दुनिया में तीसरे नंबर पर रहा भारत
भारत पिछले साल लगे इंटरनेट शटडाउन्स की अवधि के मामले में दुनिया में तीसरे नंबर पर रहा।
लिस्ट में सबसे ऊपर रहे म्यांमार और नाइजीरिया में क्रम से 12,238 घंटे और 5,040 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं।
रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दौरान म्यांमार में 2.8 अरब डॉलर और नाइजीरिया में 1.5 अरब डॉलर का नुकसान कंपनियों को उठाना पड़ा।
इन दोनों देशों में भी करोड़ों यूजर्स इंटरनेट बंद होने से प्रभावित हुए।
डाटा
21 देशों में इंटरनेट पर लगाई गई रोक
रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया के 21 देशों ने पिछले साल इंटरनेट पर रोक लगवाई।
कुल 30,000 घंटे से ज्यादा के लिए इंटरनेट सेवाएं बाधित की गईं और इससे 5.45 अरब डॉलर का कुल नुकसान हुआ, जो 36 प्रतिशत सालाना बढ़त दिखाता है।
पिछले साल ट्विटर को सबसे ज्यादा शटडाउन्स का सामना 12,379 घंटे तक करना पड़ा और फेसबुक की सेवाएं कुल 7,709 घंटे के लिए रोकी गईं।
भारत
दर्जनों बार बंद की गईं इंटरनेट सेवाएं
भारत में पिछले साल कम से कम 45 बार अलग-अलग स्तर पर आदेश देते हुए इंटरनेट सेवाएं रोकी गईं।
SFLC.in की ओर से की गई रिसर्च के मुताबिक, साल 2012 के बाद से भारत में करीब 552 बार इंटरनेट सेवाएं रोकने के आदेश दिए गए हैं।
साल 2017 से 2019 के बीच ऐसे आदेशों की संख्या में बढ़त दर्ज की गई और करीब 95 बार 24 घंटे से ज्यादा वक्त के लिए यह रोक लगाई गई।
डाटा
कई मामलों का डाटा उपलब्ध नहीं
SFLC.in रिसर्च और पब्लिक डोमेन में उपलब्ध डाटा की मानें तो कम से कम 147 ऐसे मामले पिछले तीन साल में सामने आए, जिनमें इंटरनेट पर रोक लगाने की वजह साफ नहीं है।
इन मामलों से जुड़ा डाटा उपलब्ध नहीं है और यह भी नहीं बताया गया है कि इनमें कितनी देर के लिए इंटरनेट सेवाएं बाधित की गईं।
इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि ऐसे ज्यादातर मामलों में टेलिकॉम ऑपरेटर्स को कोई पक्का आदेश नहीं भेजा जाता।
सवाल
इंटरनेट सेवाओं पर रोक क्यों लगाती है सरकार?
सरकार अलग-अलग कारणों से इंटरनेट सेवाएं रोकने का फैसला कर सकती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर तनाव या हिंसा भड़कने की आशंका होने पर भी ऐसा किया जाता है।
कई बार उपद्रवियों को शांत करने के लिए उनकी इंटरनेट तक पहुंच रोकने भर से ही काम हो जाता है।
अलग-अलग स्तर पर जरूरत के हिसाब से ऐसे आदेश दिए जा सकते हैं, जिसके बाद टेलिकॉम कंपनियों को सेवाएं बंद करनी पड़ती हैं।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत में सबसे लंबा इंटरनेट शटडाउन अनुच्छेद 370 हटाए जाने के साथ ही जम्मू और कश्मीर में अगस्त, 2019 में लगाया गया था, जो फरवरी, 2020 तक चला। कुल 552 दिन के लिए राज्य में इंटरनेट सेवाएं बाधित रहीं।