ट्विटर को दिवालिया होने से बचानी थी, बीते 3 महीने कठिन रहे- एलन मस्क
ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क ने स्वीकार किया है कि इस माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट को दिवालिया होने से बचाना था और इसके लिए काफी मेहनत की जरूरत थी। एक ट्वीट में मस्क ने कहा कि पिछले तीन महीने कठिन रहे क्योंकि उन्हें टेस्ला और स्पेस-X से जुड़ी अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए ट्विटर को भी दिवालिया होने से बचाना था। उन्होंने कहा कि वो नहीं चाहेंगे कि किसी को ऐसी कठिनाई का सामना करना पड़े।
ट्विटर में देखने को मिलेंगे अभी और बदलाव
मस्क ने यह भी कहा कि ट्विटर को अभी भी लंबा रास्ता तय करना है। ट्विटर के पास अभी भी चुनौतियां हैं और लोगों का समर्थन बहुत सराहनीय है। एक अन्य ट्वीट में, मस्क ने कहा कि भले ही उन्होंने मामूली मुद्दों को ठीक कर लिया हो, लेकिन अभी कुछ 'बुनियादी' चीजों को ठीक करना बाकी है। मस्क ने ट्विटर को खरीदने के बाद इसके कई नीति-नियमों को बदल दिया और अब यह कंपनी काफी बदल गई है।
एलन मस्क ने घटा दी ट्विटर के कर्मचारियों की संख्या
पहले ट्विटर में जहां 7,000 लोग काम करते थे। वहीं, अब मस्क ने इसके कर्मचारियों की संख्या घटाकर 2,300 कर दी है। मस्क ने ट्विटर की नीतियों में बदलाव के साथ ही कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधाओं में भी बदलाव किए हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी को दिवालिया होने से बचाने की खबरों के बीच ट्विटर अपने पूर्व कर्मचारियों के पास पड़े लैपटॉप सहित कंपनी की अन्य संपत्तियों को वापस लेने की जल्दी नहीं दिखा रही।
निकाले गए कर्मचारियों के पास अभी तक पड़े हैं कंपनी के लैपटॉप
हाल की रिपोर्टों के अनुसार, कंपनी के कुछ पूर्व कर्मचारियों ने वायर्ड डॉट कॉम को बताया कि उन्होंने अभी तक अपने लैपटॉप वापस नहीं दिए और कंपनी ने भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि वह इन सामानों को कब वापस लेगी। कंपनी से निकाले गए एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि उसका ऐपल मैकबुक प्रो लैपटॉप अभी भी उसके पास है और कंपनी ने उसे अभी तक वापस नहीं लिया है।
एलन मस्क ने अक्टूबर में खरीदी था ट्विटर
दो अन्य पूर्व ट्विटर कर्मचारियों ने कहा कि वे लैपटॉप को लेकर चिंतित हैं क्योंकि उन्हें अभी तक कंपनी से सेवरेंस पे नहीं मिला और इससे उनकी पेमेंट में देरी हो सकती है। एलन मस्क ने अक्टूबर, 2022 में ट्विटर को 4,400 करोड़ डॉलर (लगभग 3.37 लाख करोड़ रुपये) में खरीदा था। उन्होंने सबसे पहले कंपनी के CEO पराग अग्रवाल सहित अन्य कई कर्मचारियों को बाहर निकाला। मस्क के फैसलों से असहमत कुछ लोगों ने खुद ही इस्तीफा दे दिया।