ऐपल के ये पांच फीचर्स किसी एंड्रॉयड फोन में नहीं मिलेंगे
अगर कोई आईफोन यूजर एंड्रॉयड स्मार्टफोन लेता है तो कई ऐसे फीचर्स हैं जिन्हें वह मिस करता है। आईफोन और एंड्रॉयड के ऑपरेटिंग सिस्टम में काफी फर्क है। ऐसे में अगर कोई आईफोन यूजर पहली बार एड्रॉयड स्मार्टफोन इस्तेमाल करेगा तो उसे दोनों में काफी अंतर दिखेगा। हालांकि एंड्रॉयड में फोन कस्टमाइजेशन, बेहतर नोटिफिकेशन कंट्रोल और मल्टीटास्किंग मिलती है लेकिन फिर भी कुछ कमी रहती है। आइये, जानते हैं कि आईफोन के कौन से फीचर एंड्रॉयड में होने चाहिए।
एंड्रॉयड में नहीं है ऐपल की iMessage सर्विस
आईफोन से एंड्रॉयड पर स्विच करने वाले ज्यादातर लोग ऐपल की iMessage सर्विस को काफी मिस करते हैं। हालांकि, किसी तरीके से एंड्रॉयड फोन में भी iMessage सर्विस मिल सकती है, लेकिन उसके लिए मैक कंप्यूटर पर सर्वर सेटअप की जरूरत होती है। हालांकि, गूगल SMS की जगह RCS (रिच कम्यूनिकेशन सर्विस) लाने की तैयारी में लगा है, लेकिन उसे ऐपल की iMessage सर्विस को मुकाबला देने के लिए कुछ करने की जरूरत है।
बेहतर इमोजी और मेमोजी
एंड्रॉयड जिंजरब्रेड से लेकर एंड्रॉयड पाई तक, इसमें कोई दोराय नहीं है कि गूगल ने अपने मोबाइल सॉफ्टवेयर पर इमोजी में काफी सुधार किया है, लेकिन iOS की तुलना करने पर एंड्रॉयड की इमोजी निराश करती है। साथ ही ऐपल मेमोजी और एनिमोजी लेकर आई है जो यूजर की आंखों और जीभ को डिटेक्ट कर लेती है। अगर गूगल भी इन पर काम करती है तो लोग बात करने के इस नये तरीके को खूब पसंद करेंगे।
सिरी को टक्कर नहीं दे पाता असिस्टेंट
फोन में वर्चुअल असिस्टेंट होना काफी फायदेमंद रहता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से ये असिस्टेंट पहले से बेहतर हो रहे हैं। ऐपल ने सिरी को अपग्रेड किया था, जिसके बाद यह यूजर द्वारा बिना खोले ही थर्ड-पार्टी ऐप्स को कंट्रोल कर सकता है। सिरी के शॉर्टकट्स की मदद से यूजर वॉइस कमांड के माध्यम से एक साथ कई ऐप्स पर काम कर सकते हैं। अगर गूगल असिस्टेंट भी ऐसे शॉर्टकट्स को सपोर्ट करे तो यूजर्स को काफी फायदा होगा।
सभी एंड्रॉयड में नहीं मिलता वन-हैंड जेस्चर
ऐपल ने iOS 11 के साथ आईफोन चलाने का तरीका ही बदल दिया है। ऐपल ने ईजी नेविगेशन के लिए वन-हैंड जेस्चर उपलब्ध कराया था। गूगल ने भी पाई पर ऐसा ही फीचर दिया था, लेकिन यह बहुत कामयाब नहीं हो पाया। इसमें काफी सुधार की जरूरत है। हालांकि, शाओमी जैसी कंपनियां वन-हैंड जेस्चर देती है, लेकिन सभी एंड्रॉयड स्मार्टफोन में यह फीचर नहीं मिलता। उम्मीद है गूगल जल्द ही इस पर काम करेगी।
बिल्ट-इन स्क्रीन रिकॉर्डर
कई लोग यह भी कह सकते हैं कि जब स्क्रीन रिकॉर्डिंग के लिए थर्ड-पार्टी ऐप्स पहले से मौजूद है तो बिल्ट-इन ऐप की क्या जरूरत है। यह सारा मामला सुविधा का है। अगर यह इन-बिल्ट ऐप होगी तो स्क्रीन रिकॉर्डिंग के लिए अलग से ऐप खोलने की जरूरत नहीं होती। इसलिए iOS से एंड्रॉयड स्विच करने वाले यूजर्स इन-बिल्ट स्क्रीन रिकॉर्डर की कमी महसूस करते हैं। उम्मीद है गूगल अपने अगले अपडेट में इन फीचर्स को शामिल करें।