
स्पेस-X ने लॉन्च किए 22 स्टारलिंक सैटेलाइट, इस साल का 50वां मिशन पूरा
क्या है खबर?
स्पेस-X ने आज फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए 22 स्टारलिंक इंटरनेट सैटेलाइट को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में भेजा। इसकी लॉन्चिंग फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से हुई।
कंपनी ने पुष्टि की है कि सभी सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में तैनात कर दिया गया है।
आज के लॉन्च के साथ ही एलन मस्क के स्वामित वाली स्पेस-X ने 2023 में अब तक 50 मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा करने का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल कर लिया है।
लॉन्च
टूट सकता है बीते वर्ष का रिकॉर्ड
पहले इसकी लॉन्चिंग 27 जुलाई को भारतीय समयानुसार सुबह 7:50 बजे निर्धारित थी, लेकिन मौसम के कारण स्पेस-X ने लिफ्ट-ऑफ में देरी करने का निर्णय लिया।
बता दें, स्पेस-X ने बीते कुछ वर्षों में अंतरिक्ष गतिविधियां बढ़ाई है। पिछले साल कंपनी ने 61 ऑर्बिटल मिशन को अंजाम दिया।
माना जा रहा है कि कंपनी का ये रिकॉर्ड इस वर्ष टूट सकता है, क्योंकि स्पेस-X ने इस साल 100 रॉकेट लॉन्च करने की योजना बनाई है।
स्टारलिंक
5 साल होता है स्टारलिंक सैटेलाइट का जीवनकाल
स्टारलिंक सैटेलाइट के जरिए एलन मस्क का लक्ष्य दूरदराज के इलाकों में कम लागत में सैटेलाइट इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराना है।
स्टारलिंक LEO में स्थित एक बड़ा सैटेलाइट नेटवर्क है, जो ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस प्रदान करता है।
आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अन्य ब्रॉडबैंड सैटेलाइट्स की तुलना में स्टारलिंक सैटेलाइट पृथ्वी के बहुत करीब लगभग 550 किलोमीटर की दूरी पर परिक्रमा करते हैं।
प्रत्येक स्टारलिंक सैटेलाइट का जीवनकाल लगभग 5 वर्ष का होता है।
सैटेलाइट
42,000 स्टारलिंक सैटेलाइट भेजने की है योजना
जुलाई, 2023 तक ऑर्बिट में 4,519 स्टारलिंक सैटेलाइट हैं।
सैटेलाइट ट्रैकर जोनाथन मैकडॉवेल के अनुसार, इनमें से 4,487 वर्तमान में चालू हैं। इनके जरिए स्टारलिंक लगभग 40 देशों में सैटेलाइट इंटरनेट की सुविधा प्रदान कर रही है।
मस्क की अंतरिक्ष कंपनी स्पेस-X भविष्य में 42,000 सैटेलाइट रखने की योजना बना रही है।
स्टारलिंक नेटवर्क परियोजना के तहत स्पेस-X के पास वर्तमान में 12,000 सैटेलाइट अंतरिक्ष में स्थापित करने की अनुमति है।
सुविधा
ऐसे काम करता है स्टारलिंक सैटेलाइट
पहाड़ी, जंगली इलाकों में मोबाइल टावर लगाना और ब्रॉडबैंड के लिए केबल बिछाना और इनकी देखभाल करना कठिन काम है, लेकिन सैटेलाइट इंटरनेट में टावर लगाने या तार बिछाने का कोई काम नहीं होता।
सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए स्टारलिंक ग्राहकों को एक किट देती है।
इस किट में डिश टीवी की तरह एक छतरी और वाई-फाई राउटर सहित कुछ अन्य चीजें होती हैं।
इसमें सीधे स्टारलिंक सैटेलाइट से छतरी और फिर राउटर के जरिए लोगों को इंटरनेट मिलता है।