स्पेस-X ने लॉन्च किया पहला प्राइवेट अंतरिक्ष यात्री मिशन, यात्री स्पेस स्टेशन की ओर रवाना
स्पेस-X ने पहली बार अंतरिक्ष यात्रियों को प्राइवेट मिशन पर भेजकर इतिहास बनाया है। अब तक एडवांस्ड रॉकेट्स की मदद से सैटेलाइट्स भेजती रही स्पेस-X अब इंसानों को अंतरिक्ष में भेजे की शुरुआत कर रही है। एग्जिओम (Axiom) स्पेस या Ax-1 मिशन में एक पूर्व नासा वैज्ञानिक समेत चार यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन भेजा गया है। ये यात्री माइक्रोग्रेविटी में आठ दिन बिताते हुए कॉमर्शियस स्पेस ट्रैवल को बढ़ावा देने से जुड़ी रिसर्च और स्टडी करेंगे।
शनिवार सुबह स्पेस स्टेशन पहुंचेंगे यात्री
एग्जिऑन स्पेस-1 (Ax-1) मिशन को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से स्थानीय समय 11 बजकर 17 मिनट (भारत में रात आठ बजकर 47 मिनट) पर कॉम्प्लेक्स 39A से लॉन्च किया गया। मिशन पर भेजे गए चारों यात्री अलग-अलग देशों से हैं और पूर्व नासा वैज्ञानिक माइकल लोपेज एलेग्रिया इन्हें लीड कर रहे हैं। शनिवार सुबर अंतरिक्ष यात्रियों का स्पेस-X क्रू ड्रैगन कैप्सूल स्पेस स्टेशन से जुड़ जाएगा और यात्री स्पेस स्टेशन पहुंच जाएंगे।
अपने खर्च पर अंतरिक्ष गए तीन यात्री
एग्जिऑम स्पेस-1 मिशन का हिस्सा बने चार यात्रियों में से तीन ने इसके लिए भुगतान किया है और यह कॉमर्शियल स्पेस ट्रैवल की शुरुआत है। स्पेस-X ड्रैगन के क्रू में माइकल के अलावा अमेरिकी टेक बिजनेसमैन लैरी कॉनर, कनाडा के बिजनेसमैन मार्क पेथी और इजराइल के आइटन स्टिब्ब भी शामिल हैं। इन सभी को अंतरिक्ष यात्रा से जुड़ी ट्रेनिंग दी गई है और इन्हें ले जाने वाले फाल्कन 9 रॉकेट को भी पहले टेस्ट किया गया था।
खास पार्टनरशिप में भेजा गया प्राइवेट मिशन
यात्रियों को स्पेस स्टेशन लेकर जा रहा मिशन एग्जिऑम, स्पेस-X और नासा के बीच पार्टनरशिप में भेजा गया है। इसे कॉमर्शियल स्पेस ट्रैवल के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसके साथ लो-अर्थ ऑर्बिट इकोनॉमी या 'LEO इकोनॉमी' तैयार की जाएगी। स्पेस स्टेशन पर पहले भी आम नागरिकों को भेजा गया है, लेकिन Ax-1 मिशन में पहली बार ऑल-कॉमर्शियल टीम अंतरिक्ष स्टेशन भेजी गई है। यह टीम अपने खुद के प्रयोग स्पेस स्टेशन में करने वाली है।
कॉमर्शियल स्पेस ट्रैवल को समझें
अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के लिए अब तक अलग-अलग देश की सरकारें काम करती रही हैं और प्राइवेट कंपनियों को ऐसे मिशन्स का हिस्सा नहीं बनाया गया है। स्पेस-X और एग्जिऑम के साथ नासा की पार्टनरशिप कॉमर्शियल स्पेस मिशन्स की शुरुआत मानी जा रही है।
स्पेस टूरिज्म को भी मिलेगा बढ़ावा
स्पेस-X अकेली ऐसी कंपनी नहीं है, जो अंतरिक्ष यात्रियों के अलावा आम लोगों को अंतरिक्ष में भेज रही है। वर्जिन गैलेक्टिक और ब्लू ओरिजन भी आम लोगों को अंतरिक्ष की सैर करा चुकी हैं। वर्जिन एयरलाइंस के रिचर्ड ब्रैनसन जुलाई में वर्जिंग गैलेक्टिक यूनिटी 22 की मदद से और पूर्व-अमेजन CEO जेफ बेजोस ब्लू ऑरिजन एयरक्राफ्ट न्यू शेफर्ड के साथ अंतरिक्ष में गए थे। ब्लू ऑरिजन ने तो आम लोगों के लिए अपनी टिकट विंडो भी ओपेन कर दी है।
क्यों खास है अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन?
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) अंतरिक्ष में मौजूद एक प्रकार की प्रयोगशाला है, जहां धरती से एस्ट्रोनॉट्स जाकर रहते हैं और कई तरह के प्रयोग करते हैं। इसे अमेरिका और रूस समेत कई देश मिलकर संचालित करते हैं। इसके आकार की बात करें तो यह 357 फीट इलाके में बना हुआ है और 300 कारों के कुल वजन से भी भारी है। स्पेस स्टेशन हर 90 मिनट में धरती का एक चक्कर लगा लेता है।