NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / टेक्नोलॉजी की खबरें / नासा अंतरिक्ष यात्रियों की भोजन सप्लाई के लिए लिए करेगी डीप स्पेस फूड प्रोडक्शन का इस्तेमाल 
    अगली खबर
    नासा अंतरिक्ष यात्रियों की भोजन सप्लाई के लिए लिए करेगी डीप स्पेस फूड प्रोडक्शन का इस्तेमाल 
    नासा डीप स्पेस फूड चैलेंज के जरिए फूड सप्लाई की तकनीकों को बढ़ावा दे रहा है (तस्वीर: नासा)

    नासा अंतरिक्ष यात्रियों की भोजन सप्लाई के लिए लिए करेगी डीप स्पेस फूड प्रोडक्शन का इस्तेमाल 

    लेखन रजनीश
    May 30, 2023
    04:29 pm

    क्या है खबर?

    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा लंबी अवधि के चालकदल के अंतरिक्ष अभियानों की योजना बना रही है। ऐसे अभियानों में अंतरिक्ष यात्रियों के लिए पर्याप्त फूड सप्लाई महत्वपूर्ण है।

    इसके लिए नासा डीप स्पेस फूड चैलेंज प्रतियोगिता करा रही है। इससे अंतरिक्ष यात्रियों के भोजन की जरूरतों को पूरा करने वाली टेक्नोलॉजी के विकास को बढ़ावा मिलेगा।

    इसके लिए न्यूयॉर्क स्थित एक एयर कंपनी ने नया सिस्टम पेश किया है।

    आइये इस सिस्टम के बारे में जानते हैं।

    अंतरिक्ष

    पैकेज्ड भोजन का इस्तेमाल करते हैं अंतरिक्ष यात्री

    अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर सवार अंतरिक्ष यात्री पिछले 2 दशकों से ज्यादातर पैकेज्ड भोजन का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, री-सप्लाई मिशन चालक दल या अंतरिक्ष यात्रियों को नियमित रूप से कुछ ताजा उपज प्रदान करते हैं।

    चालक दल के सदस्यों ने ऑर्बिट में कुछ सब्जियों को उगाने का प्रयास भी किया है, जिसमें लेट्यूस, मिर्च, गोभी और टमाटर आदि हैं।

    हाल ही में ISS से मार्च में लौटे क्रू-5 अंतरिक्ष यात्रियों ने टमाटर उगाया था।

    चैलेंज

    फूड प्रोडक्शन तकनीकों की तलाश कर रही है नासा

    डीप स्पेस फूड चैलेंज के साथ नासा फूड प्रोडक्शन तकनीकों की तलाश कर रही है। इसके लिए कम से कम कचरा पैदा करने वाले और न्यूनतम संसाधनों की जरूरत होती है।

    यह तब और जरूरी है, जब अंतरिक्ष एजेंसी चंद्रमा, मंगल और उससे आगे के लिए लंबी अवधि के चालक दल भेजने की योजना बना रही है।

    दरअसल, अंतरिक्ष में फालतू के कचरे का निपटान काफी जटिल काम है। चालक दल अधिकतर अपना कचर अपने साथ लेकर आते हैं।

    कंपनी

    CO2 से पोषक तत्व विकसित करने की तकनीक हो रही तैयार

    एयर कंपनी छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड से यीस्ट तैयार करने पर काम कर रही है।

    कंपनी उड़ान के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड से प्रोटीन शेक के लिए यीस्ट-आधारित पोषक तत्वों को विकसित करने का तरीका लेकर आई है। ये भविष्य में डीप-स्पेस मिशनों पर अंतरिक्ष यात्रियों को पोषण देगा।

    डीप स्पेस फूड चैलेंज ने कंपनी को इसी कार्बन-कंवर्जन तकनीक को मॉडीफाई कर खाने योग्य प्रोटीन, फैस और वसा का उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया है।

    सिस्टम

    ऐसे काम करती है तकनीक

    यह सिस्टम अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा सांस से छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड गैस को लेता है और इसे पानी से इलेक्ट्रोलिसिस तरीके से निकाले गए हाइड्रोजन के साथ जोड़ता है।

    इस मिश्रण को यीस्ट की थोड़ी मात्रा में मिलाया जाता है। ये काम सिंगल-सेल प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों के स्थायी सप्लाई के उत्पादन के लिए किया जाता है।

    कंपनी द्वारा तैयार किए गए सिंगल-सेल प्रोटीन ड्रिंग की कंसिस्टेंसी की बात करें तो यह व्हे प्रोटीन शेक के समान है।

    ड्रिंक

    फाइनल राउंड के विजेता को मिलेगा 12 करोड़ रुपये ईनाम

    प्रोटीन ड्रिंक के अलावा अधिक कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थों जैसे ब्रेड, पास्ता आदि को तैयार करने के लिए भी इसी तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है।

    इस तकनीक को बनाने वाली कंपनी डीप स्पेस फूड चैलेंज के दूसरे चरण में नासा द्वारा घोषित 8 विजेताओं में से एक बन गई। कंपनी को नासा ने लगभग 6 करोड़ रुपये पुरस्कार दिया।

    इस प्रतियोगिता का फाइनल राउंड जल्द आयोजित होगा और इसके विजेता को लगभग 12 करोड़ रुपये ईनाम मिलेगा।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    नासा
    अंतरिक्ष यात्री
    अंतरिक्ष

    ताज़ा खबरें

    क्या पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर भी होता है जलवायु परिवर्तन?  जलवायु परिवर्तन
    जिम्बाब्वे के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के लिए इंग्लैंड की प्लेइंग इलेवन घोषित, सैम कुक करेंगे डेब्यू इंग्लैंड क्रिकेट टीम
    कैसे पकड़ी गई शादी कर भागने वाली 'लुटेरी दुल्हन'? 7 महीने में 25 दूल्हों को ठगा मध्य प्रदेश
    'हेरा फेरी 3' विवाद पर निर्देशक प्रियदर्शन बोले- एक दिन शूट करके गायब हुए परेश रावल  परेश रावल

    नासा

    आज पृथ्वी के करीब पहुंचेगा एस्ट्रोयड 2023 GG, अलर्ट पर नासा एस्ट्रोयड
    सनस्पॉट में विस्फोट के कारण हुआ रेडियो ब्लैकआउट, पृथ्वी पर जल्द आ सकता है सौर तूफान सनस्पॉट
    पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा विमान के आकार का एस्ट्रोयड, नासा ने जारी किया अलर्ट  एस्ट्रोयड
    नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने ढूंढा ब्रह्मांड का सबसे पुराना ब्लैक होल ब्लैक होल

    अंतरिक्ष यात्री

    NASA ने सॉफ्ट टॉय को पहनाई यूनीफॉर्म, जानें अंतरिक्ष यात्रा पर क्यों जा रहा है 'स्नूपी' नासा
    भारतीय वैज्ञानिकों का दावा- ठंडा हो रहा है सूरज, पहले से आया इतना बदलाव रिसर्च
    बिना मिट्टी अंतरिक्ष में पौधे उगाएंगे वैज्ञानिक, शून्य-गुरुत्वाकर्षण में भेजा गया सामान नासा
    स्पेशल रिलेटिविटी के सिद्धांत के लिए प्रसिद्ध अल्बर्ट आइंस्टीन से जुड़ी रोचक बातें टेक्नोलॉजी

    अंतरिक्ष

    पृथ्वी की तरफ तेजी से बढ़ रहा एस्ट्रोयड 2023 HW5, जानिए इसका आकार  एस्ट्रोयड
    आज पृथ्वी के करीब से गुजरेगा 87 फीट चौड़ा एस्ट्रोयड, अलर्ट पर नासा एस्ट्रोयड
    आज पृथ्वी के करीब से गुजरेंगे 3 बड़े एस्ट्रोयड, अलर्ट पर अंतरिक्ष एजेंसियां एस्ट्रोयड
    नासा ने सूर्य पर नए सनस्पॉट का लगाया पता, पृथ्वी पर आ सकता है सोलर फ्लेयर नासा
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025