NASA ने सॉफ्ट टॉय को पहनाई यूनीफॉर्म, जानें अंतरिक्ष यात्रा पर क्यों जा रहा है 'स्नूपी'
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA लोकप्रिय पीनट्स शो के आइकॉनिक और क्यूट कैरेक्टर स्नूपी डॉग को अंतरिक्ष की सैर पर भेजना चाहती है। स्नूपी अगले साल NASA के पहले अर्टेमिस-I मिशन के साथ चांद पर भेजा जाएगा और चांद पर उतरने वाला दुनिया का पहला बीगल या सॉफ्ट टॉय होगा। स्नूपी को चार्ल्स एम शल्ज ने साल 1969 में कॉमिक स्ट्रिप के लिए सबसे पहले बनाया था और करीब 60 साल बाद इसे चांद पर भेजा जा रहा है।
स्नूपी को अंतरिक्ष में क्यों भेज रही है NASA?
स्टफ्ड स्नूपी को एजेंसी ओरियन स्पेसक्राफ्ट में जीरो ग्रेविटी इंडिकेटर के तौर पर इस्तेमाल करने वाली है, जो चांद की कक्षा में चक्कर लगाएगा। बता दें, NASA का अर्टेमिस-I एक एनक्रूड मिशन है, जो NASA के डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन सिस्टम को टेस्ट करेगा। इस मिशन पर जाने के लिए स्नूपी को NASA का ओरियन क्रू सर्वाइवल सिस्टम सूट यूनीफॉर्म के तौर पर पहनाया जाएगा। स्नूपी का सूट उसी मैटीरियल का बना है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों के कपड़े बनाए जाते हैं।
सामने आई स्नूपी की तस्वीर
NASA ने ट्वीट में शेयर की इमेज
NASA ने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से स्नूपी की एक फोटो शेयर की है, जिसमें वह ऑरेंज यूनीफॉर्म में नजर आ रहा है। एजेंसी ने लिखा है कि एस्ट्रोनॉट स्नूपी अब 'अंतरिक्ष से अजनबी नहीं है।' स्नूपी और NASA का कनेक्शन करीब 50 साल पुराना है और अपोलो के समय से ही स्नूपी एजेंसी का स्पेसफ्लाइट सेफ्टी मैस्कॉट रहा है। बता दें, 1969 के अपोलो 10 मिशन में लूनर मॉड्यूल को भी स्नूपी नाम दिया गया था।
पीनट्स मूवी के साथ एजेंसी की पार्टनरशिप
कार्टूनिस्ट चार्ल्स के बेटे और पीनट्स मूवी के प्रोड्यूसर क्रेग शल्ज ने कहा, "मैं अपने पिता के साथ अपोलो 10 मिशन देखना कभी नहीं भूलूंगा, जिन्हें इस बात पर गर्व था कि उनके कैरेक्टर्स को अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास का हिस्सा बन रहे हैं।" उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि स्नूपी और NASA को एकसाथ अंतरिक्ष के सफर पर जाते देखना और इंसानी अनुभव की नई सीमाएं तलाशते देखना बेहतर होगा।"
यह है NASA के अर्टेमिस प्रोग्राम का मकसद
अर्टेमिस प्रोग्राम के साथ NASA की कोशिश पहली महिला और पहले पर्सन ऑफ कलर को चांद पर उतारने की होगी। एजेंसी के अर्टेमिस मिशन्स दरअसल मंगल ग्रह के लिए प्लान किए जा रहे मिशन्स की नींव तैयार कर सकते हैं। पहला अर्टेमिस मिशन अगली कोशिशों के लिए टेस्टिंग ग्राउंड बनाएगा और चांद पर एजेंसी की मौजूदगी तय करेगा। NASA ने बताया है कि जीरो-ग्रेविटी इंडिकेटर्स संकेत होते हैं कि स्पेसक्राफ्ट माइक्रो-ग्रेविटी क्षेत्र में पहुंच चुका है।