ISRO के विक्रम लैंडर से कितनी दूरी पर उतरने वाला है नासा का ब्लू घोस्ट लैंडर?
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का चंद्रयान-3 मिशन ऐतिहासिक रहा, जब विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा।
अब नासा भी ब्लू घोस्ट लैंडर के साथ एक बार फिर चंद्रमा पर उतरने जा रही है, जो 2 मार्च को चंद्र सतह पर उतरने की कोशिश करेगा।
इस मिशन का उद्देश्य चंद्र सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करना है, जिसमें कई प्रभावों का अध्ययन शामिल है। यह लैंडर नासा के वाणिज्यिक चंद्र पेलोड सेवा (CLPS) कार्यक्रम का हिस्सा है।
लैंडिंग साइट
ब्लू घोस्ट की लैंडिंग साइट कहां है?
ब्लू घोस्ट लैंडर चंद्रमा के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित मैरे क्रिसियम बेसिन के पास मॉन्स लैट्रेइल क्षेत्र में उतरेगा।
यह एक ज्वालामुखीय इलाका है, जहां अरबों साल पहले लावा बहा था। वैज्ञानिक इस स्थान को इसलिए चुन रहे हैं, क्योंकि यह चंद्रमा के भूगोल और वातावरण को बेहतर ढंग से समझने का अवसर प्रदान करता है।
इस मिशन में कई वैज्ञानिक उपकरण भेजे गए हैं, जो चंद्रमा की सतह और अंतरिक्ष के बीच होने वाली क्रियाओं का विश्लेषण करेंगे।
दूरी
विक्रम लैंडर से बहुत दूर उतरेगा ब्लू घोस्ट
ब्लू घोस्ट लैंडर चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर से बहुत दूर उतरेगा।
ISRO का विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास स्थित शिव शक्ति पॉइंट पर उतरा था, जबकि ब्लू घोस्ट उत्तर-पूर्वी हिस्से में उतरने वाला है। इन दोनों स्थानों के बीच हजारों किलोमीटर की दूरी है।
हालांकि, ये दोनों मिशन अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोज के लिए है और चंद्रमा के बेहतर अध्ययन में मदद करेंगे। इससे भविष्य में मंगल ग्रह के मिशनों में भी मदद मिलेगी।