ISRO लॉन्च करेगा अमेरिकी सैटेलाइट, अंतरिक्ष से स्मार्टफोन से कर सकेंगे कॉल
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इस साल पहली बार एक अमेरिकी संचार सैटेलाइट लॉन्च करेगा, जो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष से सीधे फोन कॉल करने की सुविधा देगा।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया है कि यह लॉन्च मिशन फरवरी या मार्च में होगा। इससे पहले भारत ने केवल छोटे अमेरिकी सैटेलाइट्स को लॉन्च किया है।
AST स्पेसमोबाइल के ब्लूबर्ड सैटेलाइट का लॉन्च जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSVL) रॉकेट से किया जाएगा।
विशेषताएं
ब्लूबर्ड सैटेलाइट की विशेषताएं
ब्लूबर्ड सैटेलाइट में 64 वर्ग मीटर का एंटीना है, जो फुटबॉल के मैदान के आधे हिस्से के बराबर है। इसका वजन करीब 6,000 किलोग्राम है। यह साधारण मोबाइल फोन को सीधे सैटेलाइट्स से जोड़ने की क्षमता रखता है।
AST स्पेसमोबाइल के मुख्य कार्यकरी अधिकरि (CEO) एबेल एवेलन ने इसे अब तक का सबसे बड़ा कॉमर्सियल चरण सरणी वाला सैटेलाइट बताया। इसके जरिए ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा भी प्रदान की जाएगी, जिससे वैश्विक संचार प्रणाली को मजबूती मिलेगी।
सेवा
सस्ती और सरल ब्रॉडबैंड सेवा
एवेलन ने कहा कि उनकी तकनीक का उद्देश्य दुनिया के सभी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी अंतर को खत्म करना है।
यह सैटेलाइट सीधे साधारण स्मार्टफोन पर 5G ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करेगा। इससे खासकर दूरदराज के इलाकों में, जहां अभी इंटरनेट नहीं पहुंचा है, डिजिटल क्रांति लाई जा सकेगी। सस्ती और सरल ब्रॉडबैंड सेवाओं के माध्यम से यह सैटेलाइट देशों के डिजिटल विकास को गति देगा।
इस मिशन के जरिए भारत वैश्विक संचार तकनीक में एक अहम भूमिका निभाने जा रहा है।
साझेदारी
भारत-अमेरिका की साझेदारी
यह लॉन्च भारत-अमेरिका की अंतरिक्ष तकनीक में बढ़ती साझेदारी का उदाहरण है। ISRO का GSVL रॉकेट इस मिशन में उपयोग होगा, जो भारत की अंतरिक्ष तकनीक की क्षमता को दर्शाता है।
ब्लूबर्ड सैटेलाइट का लॉन्च न केवल तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को भी मजबूत करेगा।
यह मिशन दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग को और गहराई देगा और भारत को एक प्रमुख अंतरिक्ष लॉन्च केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।