ESA पृथ्वी पर वापस गिर रहे सैटेलाइट का ऐसे करेगी अध्ययन
क्या है खबर?
अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइट जब अपना मिशन पूरा कर लेते हैं तो वे निष्क्रिय होकर पृथ्वी पर वापस गिरते हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) पृथ्वी पर वापस गिर रहे ऐसे ही सैटेलाइट का अध्ययन करने वाली है।
ESA के 4 'क्लस्टर' सैटेलाइट को निष्क्रिय कर दिया गया है और वे पृथ्वी पर गिर रहे हैं। इन चारों सैटेलाइट्स का नाम साल्सा, रूंबा, सांबा और टैंगो है और इन सभी के नवंबर, 2024 तक वायुमंडल में जल जाने की उम्मीद है।
तिथि
साल्सा सैटेलाइट 8 सितंबर को वायुमंडल में पहुंचेगा
साल्सा सैटेलाइट इन चारों सैटेलाइट्स में से पहला सैटेलाइट होगा जो 8 सितंबर को वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर सकता है। इसके लिए ESA ने रोजी-साल्सा नामक एक मिशन को शुरू किया है।
यह खास मिशन वायुमंडल से घर्षण के कारण विघटित हो रहे सैटेलाइट का निरीक्षण करने का एक प्रयास है।
साल्सा सैटेलाइट के दक्षिणी प्रशांत महासागर के एक सुदूर हिस्से में वायुमंडल में जलने की उम्मीद है।
मिशन
कैसे कैप्चर किया जाएगा यह सैटेलाइट?
वायुमंडल में दोबारा से प्रवेश करने वाले सैटेलाइट को कैप्चर करने के लिए एक विशेष विमान में वैज्ञानिक उपकरण लोड किए जाएंगे। विमान ऑस्ट्रेलिया से एक परीक्षण उड़ान भरेगा कि उपकरण ठीक से काम कर रहे हैं।
इस विमान की प्रत्येक खिड़की में कैमरे और स्पेक्ट्रोग्राफ होंगे जो अवलोकन करेंगे, विमान पर 20 से अधिक वैज्ञानिक उपकरण लोड किए जाएंगे।
विघटित सैटेलाइट को कैप्चर करने के लिए विमान को सही स्थिति में रखने के लिए सटीक योजना की आवश्यकता होगी।
महत्वता
क्यों विशेष है यह मिशन?
अंतरिक्ष अन्वेषण के पिछले 70 वर्षों में अपने अंतरिक्ष मिशनों को पूरा करने के बाद लगभग 10,000 सैटेलाइट और रॉकेट वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर चुके हैं, लेकिन वैज्ञानिकों के पास अभी भी इस बात की स्पष्ट तस्वीर नहीं है कि उनके मिशन के अंत में कक्षीय हार्डवेयर के साथ वास्तव में क्या होता है।
यह पहली बार होगा जब किसी विमान की मदद से वैज्ञानिक वायुमंडल में दोबारा से प्रवेश करने वाले सैटेलाइट का अध्ययन करेंगे।