नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने ISS में किया DNA पर परीक्षण
नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स करीब 6 महीने से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में फंसी हुई हैं। एक्सपीडिशन 72 के अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ विलियम्स ISS में रोजाना नए-नए परीक्षण कर रही हैं। बीते दिन (26 नवंबर) एक्सपीडिशन 72 के चालक दल ने अंतरिक्ष और पृथ्वी पर स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सूक्ष्म शैवाल और DNA जैसे नैनोमटेरियल का अध्ययन किया। इस तरह के अध्ययन से अंतरिक्ष में रहना अंतरिक्ष यात्रियों के लिए और सुरक्षित होगा।
सूक्ष्म शैवाल का किया गया अध्ययन
नासा के फ्लाइट इंजीनियर निक हेग ने सूक्ष्म शैवाल "आर्थ्रोस्पिरा सी" के नमूनों पर काम किया। उन्होंने इन नमूनों को विश्लेषण के लिए इनक्यूबेटर में रखा। नमूनों को अलग-अलग रोशनी में रखकर यह देखा जाएगा कि इसका शैवाल की वृद्धि और ऑक्सीजन उत्पादन पर क्या असर पड़ता है। इस शोध से अंतरिक्ष यान के जीवन समर्थन सिस्टम और अंतरिक्ष में ताजा भोजन उगाने के तरीकों में मदद मिल सकती है। यह अंतरिक्ष यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएगा।
विलियम्स ने किया यह परीक्षण
हेग और विलियम्स ने किबो मॉड्यूल में mRNA और प्रोटीन के नमूनों के साथ DNA जैसे नैनोमटेरियल बनाने का प्रयोग किया। बुच विल्मोर ने नमूनों पर अल्ट्रासोनिक तरंगों और स्पेक्ट्रोफोटोमीटर से उनकी जांच की। नमूने पृथ्वी पर भेजे जाएंगे ताकि उपचार और अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में मदद मिल सके। विल्मोर और डॉन पेटिट ने किबो एयरलॉक से हार्डवेयर हटाया, जिसमें वैक्यूम में रखे पॉलिमर और अन्य नमूने थे। ये नमूने अंतरिक्ष के प्रभावों को समझने के लिए पृथ्वी पर जांचे जाएंगे।