सबसे महंगे अंतरिक्ष टेलीस्कोप कौन से हैं?
स्पेस टेलिस्कोप एक क्रांतिकारी उपकरण हैं, जो वायुमंडल से परे जाकर ब्रह्मांड की तस्वीरें पृथ्वी पर हमें भेजते हैं। ये आकाशगंगाओं, तारों, और ग्रहों का अध्ययन करने में मदद करते हैं और ब्रह्मांड के विकास, ब्लैक होल और बाहरी ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं की जानकारी देते हैं। नासा के हबल और जेम्स वेब जैसे टेलिस्कोप इन्फ्रारेड और अल्ट्रावायलेट स्पेक्ट्रम में देख सकते हैं, जो धरती से संभव नहीं। आइए जानते हैं कुछ महंगे अंतरिक्ष टेलिस्कोप के बारे में।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप
नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) को 25 दिसंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था और इसका बजट लगभग 10 अरब डॉलर (लगभग 840 अरब रुपये) है। इसका उद्देश्य ब्रह्मांड के शुरुआती दौर का अध्ययन करना, तारे और आकाशगंगाओं की उत्पत्ति को समझना और बाहरी ग्रहों की वायुमंडलीय संरचना में जीवन की संभावनाओं की तलाश करना है। यह इन्फ्रारेड रेंज में काम करता है, जिससे धूल और गैस के पार देखने में सक्षम है।
हबल स्पेस टेलीस्कोप
हबल स्पेस टेलीस्कोप 24 अप्रैल, 1990 को लॉन्च हुआ और इसका बजट 16 अरब डॉलर (लगभग 1,345 अरब रुपये) है, जिसमें लगातार मेंटेनेंस और अपग्रेड शामिल हैं। इसका उद्देश्य ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं, तारों, सुपरनोवा, और ग्रहों का निरीक्षण करना और ब्रह्मांड के विस्तार की दर मापना है। पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर होने से यह अत्यधिक साफ़ तस्वीरें लेता है। पिछले 30 वर्षों में इसने लाखों खगोलीय तस्वीरें भेजी हैं, जिनसे ब्रह्मांड के विकास को समझने में मदद मिली।
चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी
चंद्रा एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी का बजट लगभग 2.8 अरब डॉलर (लगभग 235 अरब रुपये) है और यह 23 जुलाई, 1999 को लॉन्च हुई थी। एक्स-रे रेंज में काम करते हुए, यह ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे और सुपरनोवा अवशेषों का अध्ययन करता है। इसकी अवलोकन क्षमता इतनी अधिक है कि यह न्यूयॉर्क से टोक्यो तक एक छोटे सिक्के के आकार की वस्तु को देख सकता है। इसने आकाशगंगाओं के बीच की संरचना को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप
स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप को अगस्त, 2003 में लॉन्च किया गया था और इसका बजट लगभग 1.2 अरब डॉलर (लगभग 100 अरब रुपये) रहा। इन्फ्रारेड रेंज में कार्यरत स्पिट्जर ने तारों, ग्रहों और आकाशगंगाओं का अध्ययन किया। इसका उपयोग तारों की उत्पत्ति, बाहरी ग्रहों के पर्यावरण और धूल के बादलों के निरीक्षण के लिए हुआ। यह उन क्षेत्रों का भी अध्ययन कर सकता था, जहां दृश्य प्रकाश नहीं पहुंच पाता, जिससे सौरमंडल के निर्माण पर नई जानकारी मिली।
प्लैंक स्पेस टेलीस्कोप
प्लैंक स्पेस टेलीस्कोप का बजट लगभग 90 करोड़ रुपये (लगभग 75 अरब रुपये) है। इसका मुख्य उद्देश्य कॉस्मिक माइक्रोवेव बैकग्राउंड (CMB) रेडिएशन का अध्ययन करना था, जो ब्रह्मांड की उत्पत्ति और विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। CMB की मैपिंग से वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की उम्र, संरचना और विस्तार दर का अनुमान लगाने में मदद मिली। यह टेलीस्कोप तापमान के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है, जिससे इसे ब्रह्मांड के शुरुआती समय की जानकारी प्राप्त करने की क्षमता मिली।