ISRO ने लद्दाख में की अपने पहले एनालॉग मिशन की शुरुआत
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष में जीवन की चुनौतियों का पता लगाने के लिए लद्दाख में अपने पहले एनालॉग मिशन की शुरुआत की है। यहां मंगल जैसी परिस्थितियां हैं, जो इसे आदर्श स्थान बनाती हैं। इस प्रयोग में ISRO, मानव अंतरिक्ष उड़ान केंद्र, लद्दाख विश्वविद्यालय, IIT-बॉम्बे और आका स्पेस स्टूडियो सहयोग कर रहे हैं। आका स्पेस ने एक फुलाए जाने वाला, कॉम्पैक्ट और मॉड्यूलर आवास विकसित किया है, जो एक व्यक्ति के रहने लायक है।
मॉड्यूल में रह सकता है एक व्यक्ति
ISRO के इस प्रोजेक्ट को लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद का समर्थन मिला है। यहां हब-1 नामक एक विशेष मॉड्यूल बनाया गया है, जो चंद्रमा या मंगल पर ले जाने योग्य है। यह मॉड्यूल फुलाकर एक व्यक्ति के लिए रहने की जगह, खाना बनाने का क्षेत्र, बिस्तर, काम की जगह, पौधों के लिए हाइड्रोपोनिक्स फार्म, और एयरलॉक जैसी सुविधाएं देता है। इसका डिजाइन चालक दल को अलग और सुरक्षित रखता है।
चुनौतियों का मिलेगा अनुभव
ISRO के एनालॉग प्रयोगों से वैज्ञानिकों को चंद्रमा और मंगल ग्रह जैसे स्थानों पर रहने की चुनौतियों का अनुभव मिलता है। लद्दाख की ऊंचाई, कम नमी, वनस्पति की कमी और अंधेरे आसमान इसे ऐसे प्रयोगों के लिए आदर्श बनाते हैं। रेगिस्तान, आर्कटिक और पानी के नीचे के मिशन भी ऐसे स्थान माने जाते हैं, जहां इन एनालॉग मिशनों का अभ्यास किया जा सकता है। आका स्पेस स्टूडियो एक पानी के नीचे एनालॉग मिशन की भी योजना बना रहा है।