ESA ने भारत भेजा प्रोबा-3 सूर्य दूरबीन, ISRO करेगा इसे लॉन्च
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने सूर्य का अध्ययन करने के लिए प्रोबा-3 सूर्य दूरबीन भारत भेजा है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के PSLV-XL रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन में 2 यान 60,000 किलोमीटर की ऊंचाई पर मिलकर काम करेंगे। इनमें से एक यान सूर्य की रोशनी को ढक देगा, जिससे दूसरा यान सूर्य के बाहरी वातावरण (कोरोना) को साफ तरीके से देख सकेगा। इससे सूर्य के बारे में नई और गहन जानकारी मिलने की उम्मीद है।
कब होगा लॉन्च?
यूरोप के 40 से अधिक संगठनों ने प्रोबा-3 मिशन में योगदान दिया है। इस मिशन में बैटरियों के साथ सैटेलाइट को भारत ले जाने का साधन न होने पर बैटरियों को अलग बॉक्स में भेजा गया है। प्रोबा-1 को ISRO ने 2001 में लॉन्च किया था, लेकिन प्रोबा-3 ESA का पहला सैटल है, जिसे ISRO 20 वर्षों बाद लॉन्च करेगा। लॉन्च की तारीख 4 दिसंबर रखी गई है और 24 दिसंबर तक वैकल्पिक अवसर भी हैं।
ISRO, ESA का अंतरिक्ष यान क्यों लॉन्च कर रहा है?
ESA का प्रोबा-3 मिशन 2 सैटेलाइट्स को एकदम सटीक रेखा में उच्च कक्षा में भेजना चाहता है। इसे भेजने के लिए एरियन-6 रॉकेट सक्षम है, लेकिन वह बहुत महंगा है। ISRO का PSLV-XL रॉकेट 550 किलोग्राम वजन के इन सैटेलाइट्स को सही ऊंचाई तक पहुंचाने में सक्षम और किफायती है। ESA का दूसरा रॉकेट, वेगा-सी, इतनी ऊंचाई तक नहीं जा सकता। इसलिए, ESA ने ISRO को इस मिशन का लॉन्च सौंपा है।