ISRO को मिला NISAR मिशन के लिए रिफ्लेक्टर, नासा ने भेजा भारत
क्या है खबर?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ मिलकर नासा-ISRO सिंथेटिक अपर्चर रडार (NISAR) मिशन पर काम कर रही है।
नासा ने आज बताया है कि NISAR सैटेलाइट के लिए रडार एंटीना रिफ्लेक्टर पर काम पूरा होने के बाद हार्डवेयर का मुख्य हिस्सा भारत के बेंगलुरु में ISRO के अंतरिक्ष यान एकीकरण और परीक्षण सुविधा में भेज दिया गया है।
यह हार्डवेयर इस हफ्ते 22 अक्टूबर को ISRO सेंटर पहुंचा है।
हार्डवेयर
12 मीटर चौड़ा है यह हार्डवेयर
नासा का 12 मीटर चौड़ा ड्रम जैसा रिफ्लेक्टर पृथ्वी से आने-जाने वाले माइक्रोवेव सिग्नल को इकट्ठा करता है। यह NISAR सैटेलाइट को हर 12 दिनों में 2 बार पृथ्वी की सतह और बर्फ को स्कैन करने में मदद करेगा।
15 अक्टूबर को इसे अमेरिका से भारत भेजा गया, जहां इसे ISRO की टेस्टिंग सुविधा में ले जाया गया। इसके पहले, कैलिफोर्निया में रिफ्लेक्टर की सही काम करने के लिए तैयारी की गई थी, जिसमें तापमान से जुड़ी सावधानियां शामिल थीं।
ट्विटर पोस्ट
यहां देखें पोस्ट
The Earth-observing #NISAR satellite is coming together 🌎
— NASA JPL (@NASAJPL) October 23, 2024
A key piece of the science hardware – its reflector – has arrived at the Indian Space Research Organisation’s (@ISRO's) assembly and test facility, where it will prepare for launch in 2025. https://t.co/cICMcDQ8Ji pic.twitter.com/orWqK9WYxL
काम
क्या काम करेगा NISAR सैटेलाइट?
NISAR सैटेलाइट की मदद से वैज्ञानिकों को धरती की सतह में बदलाव समझने में मदद मिलेगी।
इसमें बर्फ की चादरें, ग्लेशियर, समुद्री बर्फ, वन और भूमि के बदलाव शामिल हैं। यह भूकंप, भूस्खलन, और ज्वालामुखी जैसी घटनाओं को भी कैप्चर करेगा।
NISAR से मिले डाटा से आपदाओं के पहले और बाद में तेजी से जानकारी मिलेगी, जिससे नुकसान कम करने और उसकी जांच करने में मदद होगी। इसका डाटा दुनियाभर के शोधकर्ताओं के लिए काफी उपयोगी होगा।
लॉन्च
कब तक लॉन्च होगा यह मिशन?
NISAR मिशन को पहले दिसंबर, 2023 में लॉन्च किया जाना था, लेकिन कुछ वजहों से फिर इसे 2024 की शुरुआत तक टाला गया। हालांकि, अब नासा और ISRO की योजना इसे 2025 की शुरुआत में लॉन्च करने की है।
यह लॉन्च भारत के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगा, जो देश के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित है। इस मिशन के लिए नासा और ISRO मिलकर काम कर रही हैं और लॉन्च की सही तारीख जल्द तय करेंगी।