
जापान ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया चांद मिशन, करेगा ये काम
क्या है खबर?
जापान की अंतरिक्ष एजेंसी जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने 7 सितंबर को चांद से जुड़े अपने मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया। यह मिशन अगले साल की शुरुआत में चांद पर उतरेगा।
इस मिशन को मित्सुबिशी हैवी इंडस्ट्रीज (MHI) के H-IIA लॉन्च वाहन या रॉकेट से लॉन्च किया गया।
ऊपरी वायुमंडल में हवा की स्थिति ठीक न होने और अन्य कारणों के चलते इसकी लॉन्चिंग 3 बार टाली जा चुकी थी।
पेलोड
मिशन के साथ भेजे गए ये 2 पेलोड
इस मिशन के तहत H-IIA रॉकेट 2 पेलोड एक्स-रे इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन (XRISM) अंतरिक्ष यान और स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) को चांद पर ले जा रहा है। SLIM चांद पर उतरने वाला जापान का पहला लैंडर होगा।
यह मिशन नासा के सहयोग से आयोजित किया गया है। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष की संरचना और गति को मापना, विभिन्न तरंग दैर्ध्य पर प्रकाश का अध्ययन करना, तापमान का आकलन और ब्रह्मांड की उत्पत्ति को समझना है।
उद्देश्य
जापान के चांद मिशन का मुख्य उद्देश्य
SLIM का मुख्य उद्देश्य पहले से निर्धारित लैंडिंग साइट के 100 मीटर के भीतर सटीक या कहें पिन पॉइंट लैंडिंग का प्रदर्शन करना है। इसके लैंडिंग लोकेशन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
इसे ऐसे मिशन के रूप में पेश किया जा रहा है, जो यह साबित करेगा कि चांद पर जहां चाहते हैं वहां उतरना संभव है न कि केवल वहां जहां उतरना आसान है। इसे ही पिनपॉइंट लैंडिंग कहा जा रहा है।
लैंडिंग
लैंडिंग के लिए अपनाया जाएगा टू-स्टेप लैंडिंग मेथड
SLIM की लैंडिंग के लिए टू-स्टेप लैंडिंग मेथड अपनाया जाएगा, जिसमें लैंडर लैंडिंग के बाद पहले सतह को छूता है और फिर स्थिर होने के लिए आगे की तरफ घूमता है। सिमुलेशन या टेस्टिंग के दौरान इसने विश्वसनीय लैंडिंग परिणाम दिखाए हैं।
SLIM लैंडर 200 किलोग्राम का एक हल्के वजन वाला लैंडर है।
जापानी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि SLIM की सफलता छोटे, हल्के अंतरिक्ष यान का उपयोग करके लगातार चांद और ग्रह एक्सप्लोरेशन मिशनों के लिए नए अवसर खोलेगी।
विफल
पिछले वर्ष विफल रहे चांद पर लैंडिंग के प्रयास
पिछले वर्ष चांद पर लैंडिंग के जापान के 2 प्रयास विफल रहे। एक मिशन में JAXA का लैंडर से संपर्क टूट गया था नवंबर में लैंडिंग का प्रयास विफल रहा।
जापानी अंतरिक्ष स्टार्टअप आईस्पेस द्वारा बनाया गया हकुतो-R मिशन 1 लैंडर अप्रैल में चांद की सतह पर उतरने का प्रयास करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
जापान को अक्टूबर 2022 में एप्सिलॉन छोटे रॉकेट की लॉन्च विफलता और जुलाई में एक परीक्षण के दौरान इंजन विस्फोट का सामना करना पड़ा।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
रूस, अमेरिका और चीन के बाद अब भारत भी चंद्रयान-3 की सफलता के बाद चांद की सतह पर पहुंचने वाले देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है।
कुछ समय पहले रूस ने भी अपना चांद मिशन लूना-25 लॉन्च किया था जो तकनीकी खराबी के सफल नहीं रहा।
यानी अभी तक चांद की सतह पर पहुंचने वाले सिर्फ 4 देश ही हैं और भारत तो चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला विश्व का पहला देश है।