जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा पर स्मोक बम से हमला, बाल-बाल बचे
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा पर एक सभा के दौरान स्मोक बम से हमला कर दिया गया। इसके बाद वहां जोरदार धमाका हुआ। हालांकि, किशिदा को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है। बता दें कि इससे पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की भी एक सभा के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सभा के दौरान हुआ हमला
जापान टाइम्स के मुताबिक, ये घटना वाकायामा शहर में हुई, जहां किशिदा एक सभा में भाषण दे रहे थे। तभी उनके पास एक पाइप जैसी वस्तु आकर गिरी और उसमें विस्फोट हो गया। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभालते हुए प्रधानमंत्री को घेरे में लेकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। बताया जा रहा है कि वह सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के एक उम्मीदवार के समर्थन में स्पीच देने जा रहे थे।
तेज आवाज के साथ हुआ धमाका
रिपोर्ट के अनुसार, किशिदा वाकायामा में एक मछली पकड़ने के बंदरगाह का दौरा करने के बाद अपना भाषण शुरू कर रहे थे, तभी यह घटना हुई। पाइप जैसी वस्तु के गिरते ही उसमें जोरदार धमाका हुआ, जिससे तेज आवाज आई। पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें सुरक्षाकर्मी प्रधानमंत्री को बचाते हुए दिखाई दे रहे हैं। पुलिस ने फिलहाल हिरासत में लिए संदिग्ध की पहचान का खुलासा नहीं किया है।
किशिदा पर हुए हमले का वीडियो भी सामने आया है
9 महीने पहले हुई थी शिंजो आबे की हत्या
जापान के पूर्व प्रधानमंक्षी शिंजो आबे पर पिछले साल जुलाई में हमला हुआ था। किशिदा की तरह वे भी नारा शहर में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे, तभी एक हमलावर ने उन पर गोली चला दी थी। उन्हें गर्दन और सीने पर दो गोली लगी थी। बाद में आबे को एयरलिफ्ट कर अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बता दें कि वे सबसे लंबे समय तक जापान के प्रधानमंत्री रहे थे।
कौन हैं फुमियो किशिदा?
29 जुलाई, 1957 को जन्मे किशिदा अक्टूबर 2021 से जापान के प्रधानमंत्री हैं। वे सत्ताधारी LDP के अध्यक्ष भी हैं। न्यूयॉर्क से पढ़ाई कर जापान लौटने के बाद किशिदा ने 1993 में पहली बार चुनाव जीता। उनके नाम जापान के इतिहास में सबसे लंबे समय तक विदेश मंत्री रहने का रिकॉर्ड है। उन्होंने आबे सरकार में कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है। हिरोशिमा पर हुए परमाणु बम हमले में उनके परिवार के कई लोगों की मौत हो गई थी।