
ISRO गगनयान मिशन इस साल के अंत में करेगा लॉन्च, जानें इससे जुड़ी खास बातें
क्या है खबर?
भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन 'गगनयान' अब अपने लॉन्च के काफी करीब है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 6 मई को बताया कि इस मिशन की तमाम तैयारियां अंतिम चरण में हैं और 2025 की चौथी तिमाही तक मिशन को लॉन्च किया जाएगा।
ISRO के वैज्ञानिकों ने कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण से लेकर रॉकेट और सुरक्षा प्रणालियों तक में तेजी से प्रगति हो रही है।
तकनीकी तैयारियां
मिशन की तकनीकी तैयारियां लगभग पूरी
गगनयान के तहत ISRO ने 7,000 से ज्यादा परीक्षण पूरे कर लिए हैं, ताकि रॉकेट को मानव उड़ान के लिए सुरक्षित बनाया जा सके।
क्रू एस्केप सिस्टम, जो आपात स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल सकता है, उसमें भी अच्छी प्रगति हुई है।
इसके अलावा, जीवन रक्षक सिस्टम, थर्मल सुरक्षा और रिकवरी ऑपरेशन की तकनीकें अब अंतिम चरण में हैं। पर्यावरण नियंत्रण प्रणाली का 90 प्रतिशत काम भी पूरा हो चुका है और इसकी टेस्टिंग चल रही है।
पैराशूट
पैराशूट सिस्टम तैयार, भेजा गया बेंगलुरु
गगनयान मिशन के पहले मानवरहित उड़ान 'G-1' के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी पैराशूट आगरा से बेंगलुरु भेज दिए गए हैं।
ये पैराशूट रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की ADRDE प्रयोगशाला ने बनाए हैं। इसमें 10 अलग-अलग पैराशूट शामिल हैं, जो क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित ढंग से जमीन पर लाने में मदद करेंगे।
ADRDE के निदेशक ने इन्हें हरी झंडी दी और अब इन्हें ISRO की बेंगलुरु स्थित टेस्टिंग यूनिट में मॉड्यूल के साथ जोड़ा जाएगा।
प्रशिक्षण
4 भारतीय गगनयात्रियों का चयन और प्रशिक्षण पूरा
भारतीय वायुसेना के 4 पायलट गगनयान मिशन के लिए चयनित किए गए है, जिसमें ग्रुप कैप्टन पीबी नायर, अजीत कृष्णन, अंगद प्रताप और शुभांशु शुक्ला शामिल हैं।
इन सभी ने अंतरिक्ष उड़ान से पहले का मानसिक और शारीरिक प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।
विशेष रूप से कैप्टन शुक्ला को एक अन्य अंतरराष्ट्रीय मिशन के लिए भी चुना गया है, जिसमें वह अंतरिक्ष स्टेशन तक जाएंगे। इसमें कैप्टन नायर बैकअप की भूमिका निभाएंगे।
मिशन
क्या है गगनयान मिशन?
गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसे ISRO चला रहा है।
इसका मकसद है 3 भारतीयों को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में करीब 400 किलोमीटर ऊपर भेजना, वहां उन्हें कुछ दिन तक रखना और इसके बाद उन्हें सुरक्षित वापस लाना है।
इस मिशन के तहत एक विशेष क्रू मॉड्यूल, रॉकेट और जीवन रक्षक प्रणालियां विकसित की गई हैं। इसका लक्ष्य भारत को मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता वाले देशों की सूची में शामिल करना है।
योजनाएं
भविष्य की योजनाएं क्या हैं?
ISRO ने 2025 के अंत तक 3 मानवरहित मिशन तय किए हैं, जिनमें पहला मिशन G-1 होगा।
इसके बाद 2027 में 2 मानवयुक्त मिशनों की योजना है, जिससे भारत अमेरिका, रूस और चीन की तरह मानव अंतरिक्ष उड़ान करने वाले देशों में शामिल हो जाएगा।
गगनयान का कुल बजट अब लगभग 201.93 अरब रुपये हो गया है। आगे चलकर ISRO भारत का खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना पर काम कर रहा है, जिसे 2035 तक पूरा करना है।