
इन ग्रहों पर होती है हीरे की बारिश, जानिए क्या है इसके पीछे वैज्ञानिक वजह
क्या है खबर?
हमारा सौरमंडल बहुत ही अनोखे ग्रहों से भरा हुआ है, जहां हर ग्रह की अलग खासियत है।
किसी पर धूल भरी आंधी चलती है, तो किसी पर गैसों का समुद्र होता है, लेकिन कुछ ग्रह ऐसे भी हैं जहां पानी की जगह हीरों की बारिश होती है।
वैज्ञानिकों ने पाया है कि शनि, नेप्च्यून और यूरेनस जैसे ग्रहों पर हीरे की बौछार होती है, जो पृथ्वी के मुकाबले बिल्कुल ही अलग और चौंकाने वाली बात है।
वजह
आखिर क्यों होती है इन ग्रहों पर हीरे की बारिश?
शनि, नेप्च्यून और यूरेनस ग्रह बहुत अधिक गैसों वाले ग्रह हैं, जिनका वातावरण मीथेन गैस से भरपूर है।
जब तूफान आते हैं, तो यह मीथेन गैस टूटकर कार्बन में बदल जाती है और बहुत ज्यादा दबाव और तापमान के कारण यह कार्बन धीरे-धीरे ठोस रूप लेता है।
यही ठोस कार्बन हीरे में बदल जाता है और ग्रह के वातावरण में नीचे गिरता है, जिसे वैज्ञानिक हीरे की बारिश कहते हैं।
पता
वैज्ञानिकों ने कैसे पता लगाई यह अनोखी बात?
वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में शनि, नेप्च्यून और यूरेनस जैसे हालात बनाए और पाया कि बहुत ज्यादा तापमान और दबाव में कार्बन सचमुच हीरे में बदल जाता है।
इसके अलावा, नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों के स्पेस मिशनों और टेलीस्कोप्स की मदद से इन ग्रहों के वातावरण का विश्लेषण किया गया।
इन अध्ययनों से यह साबित हुआ कि इन ग्रहों की सतह के नीचे बड़े पैमाने पर हीरे हो सकते हैं, जो वहां की गहराइयों में मौजूद रहते हैं।
भविष्य
क्या भविष्य में पृथ्वी पर लाए जा सकते हैं ये हीरे?
वैज्ञानिकों के अनुसार, इन ग्रहों से हीरे लाना फिलहाल संभव नहीं है, क्योंकि ये ग्रह पृथ्वी से बहुत दूर हैं और वहां का वातावरण बेहद खतरनाक है।
शनि और यूरेनस जैसे ग्रहों पर इंसान का पहुंचना भी अभी मुश्किल है, लेकिन यह खोज यह जरूर दिखाती है कि अंतरिक्ष में कितनी अनोखी और अद्भुत चीजें मौजूद हैं।
इससे यह भी उम्मीद जगती है कि भविष्य में हम ऐसी और रहस्यमयी खोजें कर सकते हैं।