ISRO ने लॉन्च किया अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट, इस तरह करेगा यह काम
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज (16 अगस्त) अपने नए अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट EOS-08 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च कर दिया है। इस सैटेलाइट को भारतीय समयानुसार आज सुबह 09:17 बजे स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV)-D3 की मदद से अंतरिक्ष में भेजा गया है। यह SSLV का तीसरा मिशन था। मौसम पर नजर रखने वाला यह सैटेलाइट पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) से संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
अपने साथ 3 पेलोड ले गया अंतरिक्ष यान
EOS-08 अंतरिक्ष में अपने साथ 3 प्रमुख पेलोड को ले गया है, जिसमें इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड (EOIR), SiC UV डोसिमीटर पेलोड और ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री (GNSS-R) पेलोड शामिल है। SiC UV डोसिमीटर गगनयान मिशन में क्रू-मॉड्यूल के व्यूपोर्ट पर UV विकिरण पर निगरानी रखेगा। GNSS-R महासागर की सतह पर हवा के विश्लेषण, मिट्टी की नमी के आकलन, हिमालयी क्षेत्र में क्रायोस्फीयर अध्ययन, बाढ़ का पता लगाने और जल निकायों का पता लगाने में सक्षम होगा।
और क्या काम करेगा यह सैटेलाइट?
EOIR पेलोड को किसी भी आपदा की निगरानी, पर्यावरण निगरानी, आग की निगरानी, ज्वालामुखी गतिविधि की निगरानी और औद्योगिक आपदा निगरानी करने के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया है। इस पेलोड को दिन और रात दोनों समय मिड-वेव IR (MIR) और लॉन्ग-वेव IR (LWIR) बैंड में तस्वीरों को कैप्चर करने के लिए डिजाइन किया गया है। बता दें कि कई पेलोड वाले सैटेलाइट EOS-08 का कुल भार लगभग 175 किलोग्राम है।