ISRO यंग साइंटिस्ट कार्यक्रम से अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना पूरा करने में ऐसे मिलेगी मदद
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति युवाओं की जिज्ञासा को बढ़ावा देने के लिए हर साल 'यंग साइंटिस्ट कार्यक्रम, युविका' का आयोजन करता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं में STEM क्षेत्रों (विज्ञान/प्रौद्योगिकी/इंजीनियरिंग/गणित) में रुचि जगाना और अंतरिक्ष अन्वेषण में भविष्य की प्रतिभाओं को खोजना है। इस कार्यक्रम में केवल स्कूली बच्चे भाग ले सकते हैं। आइए जानते हैं कि ये कार्यक्रम अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना देखने वाले विद्यार्थियों के लिए कितना मददगार है।
कार्यक्रम में शामिल हैं ये गतिविधियां
इस कार्यक्रम की अवधि 2 सप्ताह है। इस अवधि के दौरान छात्र-छात्राओं को कक्षाओं में प्रशिक्षण, व्यावहारिक प्रयोग, व्यावहारिक गतिविधियों के साथ ISRO वैज्ञानिकों के साथ चर्चा करने का मौका मिलता है। विद्यार्थियों को विभिन्न प्रयोगशालाओं का दौरा करवाने के साथ ही उन्हें अंतरिक्ष के क्षेत्र में हो रहे कार्यों से अवगत कराया जाता है। इसके अलावा कार्यक्रम में तकनीकी सुविधाओं की जानकारी, रॉकेट/उपग्रह संयोजन, विशेषज्ञों, व्यवहारिक और प्रतिक्रिया के विशेष सत्र भी शामिल हैं।
अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना पूरा करने में ऐसे मिलेगी मदद
ISRO के इस कार्यक्रम में अंतरिक्ष के बारे में पूरी जानकारी छात्रों को दी जाती है। अंतरिक्ष प्रयोगशालाओं में किस तरह से काम होता है, वैज्ञानिकों के ऊपर क्या-क्या जिम्मेदारियां होती है, इससे विद्यार्थियों को अवगत कराया जाता है। ऐसे में छात्र-छात्राएं अंतरिक्ष यात्री (एस्ट्रोनॉट) बनने की दिशा में जरूरी कदम उठा पाते हैं। विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विशेषज्ञों से सीधी बातचीत का मौका मिलता है। इससे वे इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए उपयोगी मार्गदर्शन ले सकते हैं।
हर साल बड़ी संख्या में छात्र लेते हैं भाग
इस कार्यक्रम को 17 मई, 2019 को लॉन्च किया गया था। 2019 में कार्यक्रम में 111 छात्र, 2022 में 153 और 2023 में 337 छात्रों ने भाग लिया था। उम्मीदवारों को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग देहरादून, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र तिरुवनंतपुरम, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा, यूआर राव सैटेलाइट सेंटर बेंगलोर, अंतरिक्ष उपयोग केंद्र अहमदाबाद, नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर हैदराबाद, नॉर्थ-इस्टर्न स्पेस एप्लीकेशन सेंटर शिलोंग में प्रशिक्षण प्रदान किया गया था।
कल से करें पंजीकरण
इस कार्यक्रम के लिए पंजीकरण प्रक्रिया कल यानि 20 फरवरी से शुरू होगी और 20 मार्च को समाप्त हो जाएगी। इसमें आवेदन के लिए उम्मीदवारों को अंतरिक्ष जिज्ञासा प्लेटफॉर्म पर अपने आप को पंजीकृत करना होगा। ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर सत्यापित होने के बाद उम्मीदवारों को स्पेस क्विज में भाग लेना होगा। इसके बाद व्यक्तिगत और शैक्षिक विवरण दर्ज कर प्रमाणपत्रों की स्कैन फोटोकॉपी अपलोड करनी होगी। उम्मीदवार सभी जरूरी जानकारियों को दर्ज कर आवेदन पत्र सब्मिट कर सकेंगे।
केवल 9वीं के छात्र कर सकते हैं आवेदन
इस कार्यक्रम में केवल 9वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थी ही आवेदन कर सकते हैं। प्रतिभागियों का चयन कक्षा 8 में प्राप्त अंक, ऑनलाइन क्विज में प्रदर्शन, विज्ञान मेले में भागीदारी का स्तर, ओलंपियाड में रैंक या समकक्ष, पिछले 3 सालों में स्काउट और गाउड/NCC/ANS के सदस्य और पंजायत क्षेत्र स्थित ग्रामीण विद्यालय में अध्ययन के प्रदर्शन के आधार पर होता है। 8वीं के अंकों को 50 प्रतिशत वैटेज दिया जाता है।