नागपुर: नाबालिग बेटे के जरिए पिता के मोबाइल में डाउनलोड कराया ऐप, निकाले नौ लाख रुपये
क्या है खबर?
नागपुर में ऑनलाइन धोखाधड़ी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
एक साइबर अपराधी ने नागपुर के कोराडी में अपने पिता फोन इस्तेमाल कर रहे नाबालिग बेटे को फोन कर बातों में उलझाया और एक ऐप डाउनलोड कराकर उसके पिता के खाते से करीब नौ लाख रुपये निकाल लिए।
मोबाइल फोन मैसेज आने पर पीड़ित को धोखाधड़ी का पता चला और फिर उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
प्रकरण
आरोपी ने खुद को बताया डिजीटल भुगतान कंपनी का ग्राहक सेवा अधिकारी
पुलिस ने बताया कि ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हुआ पीड़ित कोराडी निवासी अशोक मनवटे है। घटना गत बुधवार की है। दोपहर में उनका 15 वर्षीय बेटा उनका फोन इस्तेमाल कर रहा था। उसी दौरान उसके बाद एक अज्ञात नंबर से फोन आता है।
बेटा फोन उठाकर बात करने लगता है तो आरोपी उसे खुद को एक डिजीटल भुगतान कंपनी का ग्राहक सेवा अधिकारी बताता है और उसे पिता के फोन में एक ऐप डाउनलोड करने के लिए बोलता है।
झांसा
आरोपी देता है डिजिटल भुगतान खाते की क्रेडिट सीमा बढ़ाने का झांसा
पुलिस ने बताया कि पीड़ित का फोन उसके बैंक खाते से जुड़ा हुआ था। आरोपी उनके बेटे को पिता के डिजिटल भुगतान खाते की क्रेडिट सीमा बढ़ाने का झांसा देता है। इससे उनका बेटा लालच में आ जाता है।
आरोपी उससे क्रेडिट सीमा बढ़ाने के लिए पिता के फोन में रिमोट डेस्कटॉप सॉफ्टवेयर का एक ऐप डाउनलोड करने के लिए बोलता है।
इसके बाद पीड़ित का आरोपी के कहने अनुसार फोन में वह ऐप डाउनलोड कर लेता है।
निकासी
ऐप डाउनलोड करते हुए ही आरोपी ने खाते से निकाले 8.95 लाख रुपये
पुलिस ने बताया कि पीड़ित के बेटे द्वारा जैसे ही मोबाइल में वह ऐप डाउनलोड किया जाता है, वैसे आरोपी रिमोट ऐप के जरिए उसके पिता के मोबाइल में पहुंच बना लेता है।
इसके बाद आरोपी उसके उसके खाते से 8.95 लाख रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर कर लेता है। इसके बाद वह फोन रख देता है।
कुछ देर बाद बेटा अपने पिता को मामले की जानकारी देता है। पीड़ित को फोन देखने पर धोखाधड़ी का पता चल जाता है।
कार्रवाई
आरोपी के खिलाफ दर्ज किया ऑनलाइन धोखाधड़ी का मामला
पुलिस ने बताया खाते से 8.95 लाख रुपये निकाले जाने के बाद पीड़ित ने थाने पहुंचकर घटना की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने साइबर टीम के जरिए आरोपी की लोकेशन पता करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
अब साइबर विशेषज्ञों के जरिए आरोपी का पता लागने का प्रयास किया जा रहा है। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 419 (पद बदलकर धोखा देना), 420 (धोखाधड़ी) और IT एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।