मुंबई: प्रधानमंत्री ऋण योजनाओं के नाम पर करोड़ों की ठगी, पुलिस ने आरोपी को दबोचा
मुंबई पुलिस ने लॉकडाउन में हुए नुकसान भरपाई के लिए प्रधानमंत्री ऋण योजनाओं के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने गिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। आरोपी और उसके साथियों ने लोगों को बिना किसी दस्तावेज और सुरक्षा के लिए ही ऋण देने का लालच दिया था और ऑनलाइन आवेदन भरवाए थे। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
आरोपियों ने नौ योजनाओं के तहत की थी ऋण की पेशकश
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन की उप निरीक्षक (SI) अलका जाधव ने इंडिया टुडे को बताया कि गिरफ्तार आरोपी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ निवासी संजीव कुमार है। वह वहां की स्थानीय राजनीति में सक्रिय है। आरोपी ने PMYL, प्रधानमंत्री भारत ऋण योजना, प्रधानमंत्री योजना ऋण, सर्वोत्तम फाइनेंस, प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण, भारत योजना, मुद्रा ऋण और कृष्णा ऋण के नाम से बिना किसी गारंटी और दस्तावेजों के लोगों को लॉकडाउन के नुकसान की भरपाई के लिए ऋण देने का ऑफर दिया था।
आरोपी ने ऋण के लिए लोगों के भरवाए ऑनलाइन आवेदन
SI जाधव ने बताया कि आरोपियों ने लोगों से ऋण के आवेदन प्राप्त करने के लिए www.pradhanmantriloanyojana.com, www.pradhanmantriyojanaloan.com और www.sarvottamfinance.com नाम से तीन फर्जी वेबसाइट बनाई थी। आरोपियों ने वेबासाइट और ऑफर का सोशल साइटों पर प्रचार किया था। लोगों के लिंक पर क्लिक करने के बाद नई विंडो खुलती थी। जिसमें लोगों से निजी विवरण और आधार कार्ड, पेन कार्ड सहित निजी जानकारी भरवाई जाती थी। ऐसे में आरोपियों ने हजारों लोगों को निजी डाटा भी एकत्र कर लिया।
प्रोसेसिंग फीस के नाम पर की गई ठगी
SI जाधव ने बताया कि लोगों के ऑनलाइन आवेदन करने के बाद आरोपी उनसे प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 5,000 से 15,000 रुपये की प्रोसेसिंग फीस की मांग करते थे। लोगों की फीस जमा कराए जाने के बाद वेबसाइट पर उनको ब्लॉक कर दिया जाता था। उन्होंने बताया आरोपी लोगों को एक से पांच लाख रुपये की बीच ऋण स्वीकृत होने का लालच दिया गया था। ऐसे में लोगों ने यह राशि हासिल करने के लिए राशि जमा करा दी।
अलीगढ़ और जयपुर में संचालित किया कॉल सेंटर
SI जाधव ने बताया कि आरोपियों ने लोगों को फंसाने के लिए उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और राजस्थान में जयपुर में कॉल सेंटर संचालित किया था। इसमें लोगों को फंसाने के लिए कॉलेज विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया था। कॉल सेंटरों की जांच जारी है।
मुंबई निवासी पीड़ित ने दर्ज कराई शिकायत
SI जाधव ने बताया कि गत दिनो मुंबई निवासी एक युवक ने साइबर पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। उसने कहा था कि फर्जी वेबसाइट के माध्यम से उसकी निजी जानकारी ली गई है। इसके अलावा आरोपी उसे प्रोसेसिंग फीस जमा कराने के लिए बार-बार धमका रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच करते हुए फर्जी वेबसाइटों की जांच की। कॉल डिटेल के आधार पर आरोपी का पता लगाकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों ने की चार करोड़ रुपये की ठगी
SI जाधव ने बताया कि अब तक 2.80 लाख लोग इन वेबसाइटों पर पंजीयन कराया है। ऐसे में आरोपियों ने इन सभी लोगों को निजी और गोपनीय जानकारी भी हासिल कर ली है। उन्होंने बताया कि पंजीयन कराने वालों में करीब 4,000 लोगों ने प्रोसेसिंग फीस के नाम पर आरोपियों को चार करोड़ रुपये का भुगतान किया है। ऐसे में पुलिस अब आरोपियों से ठगी के रूप में ली गई राशि को बरामद करने का प्रयास कर रही है।
पुलिस ने लोगों से की वेबसाइटों की सत्यता की जांच करने की अपील
SI जाधव ने लोगों से किसी भी वेबसाइट पर पंजीयन कराने से पहले उसकी सत्यता की जांच करने तथा केंद्र सरकार की किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए आधिकारिक वेबसाइट या विभाग में पुष्टि करने के बाद आगे बढ़ने की अपील की है।