फेक UPI ऐप लगा रहे चूना, बचना है तो जरूर बरतें यह सावधानी
वर्तमान में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से डिजिटल भुगतान काफी आसान और सुविधाजनक हो गया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में 1,496 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए हैं। इसके जरिए 20.60 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। UPI के बढ़ते इस्तेमाल के चलते ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। अब फेक UPI ऐप बनाकर ठगी की जा रही है। आइये जानते हैं इसकी पहचान कर कैसे बचाव करें।
बिल्कुल असली नजर आती हैं ऐप
साइबर ठगी के इस मामले में जालसाज फेक UPI ऐप के जरिए पेमेंट कर रहे हैं। इसमें उनके फोन में भुगतान सफलतापूर्वक होना दर्शाता है, लेकिन वह राशि आपके खाते में पहुंचती ही नहीं है। स्कैमर UPI आधारित ऐप्स- गूगल पे, फोनपे और पेटीएम के फेक ऐप के जरिये ठग करते हैं। ये फेक UPI ऐप बिल्कुल असली की तरह दिखती हैं। इन्हें छोटे व्यापारियों, दुकानदारों और मजदूरों जैसे लोगों को ठगने के लिए बनाया गया है।
इस तरीके से होती है ठगी
ठग नकली UPI ऐप के जरिये आपके UPI ऐप का QR कोड स्कैन करते है और भुगतान का फर्जी स्क्रीनशॉट दिखाते हैं। पेमेंट करने के बाद साउंड नोटिफिकेशन भी आता है, जो बिल्कुल असली ऐप की तरह लगता है। यह सब देखकर लगता है कि भुगतान हो गया है और इस तरह लोग स्कैमर के जाल में फंसकर नुकसान उठाते हैं। टेलीग्राम पर भी इस तरह के नकली UPI ऐप के लिंक शेयर कर लोगों को फंसाया जा रहा है।
ऐसे करें धोखाधड़ी से बचाव
धोखाधड़ी से बचने के लिए भुगतान को वेरिफाई करना चाहिए। आप UPI ऐप में बेलेंस हिस्ट्री या बैंक के स्टेटमेंट के जरिए चेक कर सकते हैं कि भुगतान हुआ है या नहीं। भुगतान को लेकर स्क्रीनशॉट या साउंड नोटिफिकेशन पर पूरी तरह भरोसा न करें और खुद से जांच जरूर करें। गलती से आप साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं तो तुरंत 1930 पर कॉल करने के साथ साइबर क्राइम पोर्टल- cybercrime.gov.in या https://cybercrime.gov.in पर शिकायत कर सकते हैं।