फोनपे यूजर्स को झटका, मोबाइल रीचार्ज और UPI पेमेंट के लिए देनी होगी प्रोसेसिंग फीस
अगर आप फोनपे की मदद से मोबाइल रीचार्ज करते हैं तो हर पेमेंट के दौरान आपको प्रोसेसिंग फीस चुकानी होगी। वॉलमार्ट ग्रुप के डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म ने बताया है कि 50 रुपये से ज्यादा कीमत वाले रीचार्ज करने पर यूजर्स को 1 रुपये से 2 रुपये तक प्रोसेसिंग फीस के तौर पर देने होंगे। बता दें, यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) की मदद से किए जाने वाले भुगतान के लिए कोई पेमेंट ऐप अभी प्रोसेसिंग फीस नहीं लेती है।
क्रेडिट कार्ड पेमेंट्स पर भी प्रोसेसिंग फीस
फोनपे पहली डिजिटल पेमेंट्स ऐप है, जिनसे UPI आधारित ट्रांजैक्शन के लिए यूजर्स से पैसे लेने की शुरुआत की है, जबकि दूसरे कॉम्पिटीटर्स यह विकल्प फ्री में दे रहे हैं। हालांकि, बाकी पेमेंट ऑप्शंस पर यूजर्स को कुछ प्रतिशत प्रोसेसिंग फीस दूसरी ऐप्स में भी देनी पड़ती है। दूसरी पेमेंट ऐप्स की तरह फोनपे क्रेडिट कार्ड्स की मदद से किए जाने वाले भुगतान के लिए पहले ही प्रोसेसिंग फीस ले रही है।
फोनपे स्पोक्सपर्सन ने दी जानकारी
फोनपे स्पोक्सपर्सन ने आधिकारिक बयान में नए बदलाव की जानकारी दी। स्पोक्सपर्सन ने कहा, "रीचार्ज पर हम छोटे-स्केल पर एक एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं, जिसमें कुछ यूजर्स को मोबाइल रीचार्जेस के लिए भुगतान करना पड़ रहा है। 50 रुपये से कम कीमत वाले रीचार्ज पर कोई फीस नहीं है, 50 रुपये से 100 रुपये के बीच रीचार्ज पर 1 रुपये और 100 रुपये से ज्यादा के रीचार्ज पर 2 रुपये फीस लागू की गई है।"
कंपनी के पास सबसे ज्यादा UPI ट्रांजैक्शंस शेयर
आपको बता दें, UPI आधारित ट्रांजैक्शन का विकल्प यूजर्स को देने वाली थर्ड-पार्टी ऐप्स में से फोन पे का शेयर सबसे ज्यादा है। यानी कि फोनपे की मदद से सबसे ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन किए जाते हैं। कंपनी ने सिर्फ सितंबर महीने में 165 करोड़ से ज्यादा UPI ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड किए। ऐप सेगमेंट में यह 40 प्रतिशत से ज्यादा शेयर है। फोनपे के अलावा गूगल पे दूसरी सबसे लोकप्रिय पेमेंट ऐप है।
फोनपे ने प्रोसेसिंग फीस लेने पर दी सफाई
कंपनी स्पोक्सपर्सन ने प्रोसेसिंग फीस लेने से जुड़े फैसले का बचाव करते हुए कहा, "हम प्रोसेसिंग फीस लेने वाला अकेला पेमेंट प्लेटफॉर्म नहीं हैं। बिल पेमेंट्स के लिए छोटी फीस लेने अब स्टैंडर्ड इंडस्ट्री प्रैक्टिस बन चुकी है और दूसरी बिलर वेबसाइट्स और पेमेंट्स प्लेटफॉर्म्स भी ऐसा कर रहे हैं।" फोनपे ने कहा कि अभी हम केवल क्रेडिट कार्ड्स की मदद से किए जाने वाले पेमेंट पर ही प्रोसेसिंग फीस (जिसे दूसरे प्लेटफॉर्म कन्वेंस फी कहते हैं) ले रहे हैं।
एक ऐप के पास नहीं हो सकता 30 प्रतिशत से ज्यादा शेयर
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से UPI के मार्केट शेयर पर लिमिट लगाई गई है। NPCI का कहना है कि किसी एक पेमेंट ऐप या प्लेटफॉर्म के पास 30 प्रतिशत से ज्यादा मार्केट शेयर नहीं हो सकता। बर्नस्टीन की रिपोर्ट से सामने आया है कि NPCI के मार्केट शेयर कैप के चलते फोनपे और गूगल पे ऐप्स को अपने UPI कस्टमर्स कम करने होंगे। ऐसा करने के लिए वे प्रोसेसिंग फीस लगाने जैसे तरीके आजमा सकती हैं।