
इस साल के अंत तक शुरू हो सकती है व्हाट्सऐप की पेमेंट सर्विस
क्या है खबर?
इस साल के अंत तक व्हाट्सऐप भारत में अपनी पेमेंट सर्विस शुरू कर सकती है।
नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने कहा कि व्हाट्सऐप अगले दो महीनों में डाटा लोकलाइजेशन (भारत में डाटा स्टोर करने की प्रक्रिया) नियमों को पूरा कर लेगी और उसके बाद वह अपनी पेमेंट सर्विस शुरू करने के लिए आजाद है।
बता दें कि व्हाट्सऐप पिछले काफी समय से यह सर्विस शुरू करने की कोशिश में है।
आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
जानकारी
भारत में व्हाट्सऐप के 30 करोड़ यूजर्स
फेसबुक के मालिकाना हक वाली व्हाट्सऐप पिछले साल से भारत में पेमेंट सर्विस का बीटा वर्जन टेस्ट कर रही है। देश में 30 करोड़ से ज्यादा यूजर्स वाली व्हाट्सऐप से उम्मीदें हैं कि वह कैशलेस ट्रांजेक्शन को नई उंचाइयों पर पहुंचा सकती है।
देरी की वजह
डाटा लोकेलाइजेशन के नियमों के चलते हो रही देरी
भारत में पेमेंट सर्विस के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कुछ नियम बनाए हैं।
उन नियमों के मुताबिक, पेमेंट सर्विस देने वाली कंपनी को ट्रांजेक्शन और यूजर डाटा को भारत में ही स्टोर करना होगा और 24 घंटो के भीतर उन्हें विदेशी सर्वर से डिलीट करना होगा।
व्हाट्सऐप फिलहाल RBI के इन नियमों का पालन नहीं कर पा रही है इसलिए उसकी पेमेंट सर्विस शुरू होने में लगातार देरी हो रही है।
बयान
अगले दो महीनों में व्हाट्सऐप पेमेंट सर्विस शुरू होेने की उम्मीद
NPCI के प्रमुख दिलीप आस्बे ने एक इंटरव्यू में कहा कि गूगल और व्हाट्सऐप समेत कई कंपनियों को लेकर बातचीत जारी है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले दो महीनों में व्हाट्सऐप की पेमेंट सर्विस शुरू हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि RBI के बनाया एक पैनल व्हाट्सऐप की सर्विस का ऑडिट कर रहा है। यह ऑडिट होने के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी, जिसके आधार पर इसे हरी झंडी दिखाने या नहीं दिखाने का फैसला किया जाएगा।
जानकारी
शाओमी और अमेजन नहीं शुरू कर पाएंगे पेमेंट सर्विस
चीनी कंपनी शाओमी के अलावा अमेजन पे और ट्रूकॉलर ने भारत में पेमेंट सर्विस शुरू करने की योजना बनाई थी। इस बारे में बताते हुए आस्बे ने कहा कि डाटा लोकलाइजेशन के नियमों के चलते ये कंपनी अपनी सर्विस शुरू नहीं कर पाई हैं।
डिजिटल ट्रांजेक्शन
10 करोड़ लोग कर रहे डिजिटल ट्रांजेक्शन
नीति आयोग के एक सर्वे का हवाला देते हुए आस्बे ने कहा कि तीन चौथाई फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन 100 रुपये से कम के होंगे।
कैशलेस इकॉनॉमी का लक्ष्य हासिल करने के लिए इस ट्रांजेक्शन को डिजिटल करना होगा, जिसमें यूनिफाईड पेमेंट इंटरफेस (UPI) महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि व्हाट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म पर UPI का इस्तेमाल डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा।
फिलहाल केवल 10 करोड़ लोग डिजिटल ट्रांजेक्शन कर रहे हैं।